स्पाइसी फूड, मैदा, जंक फूड का जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर पेट संबंधी बीमारियां होती हैं। पश्चिमी व्यंजनों का अधिक सेवन करने से मोटापा बढ़ने लगा है। पहले जो बीमारी 70 साल की उम्र में आती थीं। अब वह 30 साल की उम्र में ही देखने को मिल रही हैं। संयमित खानपान करें और चिंता छोड़ दें तो पेट संबंधित बीमारियां 90 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी।
यह बात कानपुर के डॉ. बीके मिश्रा ने कही। वे रविवार को गेस्ट्रो इंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी ऑफ इंडिया की तीन दिनी नेशनल कॉन्फ्रेंस एंडोकॉन-2023 के समापन अवसर पर बोल रहे थे। आयोजन समिति के सचिव डॉ. अजय जैन ने कहा कि पेट रोग से बचने के लिए प्रिवेंटिव जांच जरूरी होती है। 45 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को अपनी प्रिवेंटिव जांच कराना चाहिए ताकि वह गंभीर बीमारी से बच सके।
बच्चों का वजन लगातार बढ़ने लगे तो खानपान में बदलाव करें
विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चे भी अब फास्ट फूड अधिक खाना पसंद करने लगे हैं। बच्चे वही सीखते हैं जो माता-पिता सिखाते हैं। बच्चों को यह सिखाने की जरूरत है कि वह जो खा रहे हैं, उससे सेहत को कितना लाभ और नुकसान है। डॉ. सुनील जैन ने बताया कि बच्चे का वजन लगातार बढ़ रहा है तो उसके खानपान में बदलाव की आवश्यकता है।
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