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एजुकेशन हब इंदौर:शासकीय कॉलेजों में एलएलएम की 9 सीटों के लिए 599, बीए की 275 सीट पर है 2217 वेटिंग

कॉलेजों में कोर्स और वेटिंग - Dainik Bhaskar

कॉलेजों में कोर्स और वेटिंग

ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया में यूजी का दूसरा राउंड ही हुआ है और सरकारी कॉलेजों में परंपरागत कोर्स के लिए लंबी वेटिंग शुरू हो गई है। पांच सरकारी कॉलेजों में लगभग सभी प्रमुख कोर्स के लिए सीटों से कई गुना ज्यादा दावेदार हैं। यह स्थिति तब है जब सीयूईटी यूजी का रिजल्ट भी नहीं आया है। 1.80 लाख से ज्यादा छात्रों ने सीयूईटी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था।

80 फीसदी ने परीक्षा भी दी जबकि सीटें 1500 ही हैं। यानी डेढ़ लाख से ज्यादा छात्र सीयूईटी के रिजल्ट के बाद किसी कॉलेज या निजी यूनिवर्सिटी की तरफ रुख करेंगे। फिलहाल सबसे ज्यादा वेटिंग शासकीय लॉ कॉलेज में एलएलएम के लिए सामने आई है। महज 9 सीटों के लिए 599 वेटिंग हैं। यानी 698 दावेदार हैं। वहीं दूसरी तरफ एलएलबी की 28 सीटों के लिए 916 दावेदार हैं। जबकि शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय बीए की 275 के लिए 2492 छात्र वेटिंग में हैं। इसी तरह कई कॉलेजों में अभी से लंबी वेटिंग है।

कटऑफ भी बढ़ा, वेटिंग भी, अन्य जिलों व राज्यों के छात्र भी ले रहे हैं एडमिशन

शासकीय लॉ कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर विपिन कुमार मिश्रा कहते हैं कि एलएलबी की 9 सीटों के लिए 608 दावेदार हैं। अभी तो दो राउंड बाकी है। ऐसे में वेटिंग और बढ़ेगी। शासकीय लॉ कॉलेज में एडमिशन का क्रेज केवल इंदौर या अन्य जिलों तक नहीं है। अन्य राज्यों के छात्र भी आ रहे हैं। जीएससी के प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रकाश गर्ग कहते हैं कि लगातार वेटिंग बढ़ रही है। इसी कारण इस बार बीए में रिकॉर्ड 89.8 और बीबीए में 89.4 प्रतिशत तक कटऑफ गया है। इस बार न केवल आसपास के जिले बल्कि प्रदेशभर के लगभग सभी जिलों के छात्र आ रहे हैं। होलकर साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेश सिलावट कहते हैं कि पहले राउंड में कटऑफ कम था। लेकिन दूसरे राउंड में 10 से 25 प्रतिशत तक कटऑफ बढ़ा। इस बार बीएससी पीसीएम और बायोटेक्नोलॉजी जैसे कोर्स में तो डिमांड और वेटिंग है ही। लेकिन दूसरे कोर्स में भी वेटिंग 300 पार पहुंच गई है। पिछले साल ही होलकर साइंस कॉलेज ने अलग-अलग कोर्स में कुल 1800 सीटें बढ़ाई थी। इस साल सीटों में बढ़ोतरी नहीं होगी।

फर्स्ट डिविजन पास, लेकिन नहीं मिल रहा सरकारी कॉलेज
छात्र प्रीतिश यादव का कहना है 12वीं में 61 % अंक हैं लेकिन किसी भी शासकीय कॉलेज में बीबीए में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है। अविका शर्मा को 79 % अंक हाेने के बाद भी बीबीए एलएलबी में एडमिशन नहीं मिला। ऐसे ही अनिरुद्ध पुरोहित के 75 % अंक हैं, लेकिन बीए में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है।

शासकीय कॉलेजों में इस बार 60 हजार पार पहुंचेगा आंकड़ा
शहर के 8 शासकीय कॉलेजों में फिलहाल 55 हजार छात्र पढ़ रहे हैं। इस साल 60 हजार के पार यह आंकड़ा पहुंचेगा। कट ऑफ के मामले में लॉ पिछले साल सबसे आगे था। इस बार बीए ने टॉप पर जगह बनाई है।

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