- किताबों से जानिए, कैसे हर चीज का श्रेय और दोष खुद लेना फायदेमंद है, क्यों बदलाव से खुशी मिलती है ?
खुश नहीं हैं, तो बदलाव आपको ही करने होंगे
नौकरी के पहले दिन से शुरू कर सेवानिवृत्ति तक आप अपने लिए ही काम करते हैं। आपको मिलने वाले वेतन के चेक पर किसी के भी हस्ताक्षर हों, लेकिन आप काम अपने लिए ही करते हैं। अगर आप अपने काम के किसी भाग से संतुष्ट नहीं हैं तो बदलाव भी आपको ही करना होगा।
मुश्किलें आपको ज्यादा मजबूत बना देती हैं
समस्या के केवल एक हिस्से पर आपका नियंत्रण होता है और वो है समस्या पर प्रतिक्रिया। समस्याएं हमारे भीतर के सर्वश्रेष्ठ गुणों को बाहर निकालती हैं, मजबूत और कारगर बनाती हैं। दबाव जितना ज्यादा होगा, आप हल खोजने के लिए उतना उत्सुक होंगे, उतने ही ज्यादा रचनात्मक भी बन जाएंगे।
सफलता या असफलता, दोनों ही आपकी हैं
जो लोग अपने साथ होने वाली हर चीज का श्रेय और दोष खुद लेते हैं, वो सफल होते हैं। कुछ लोग सफलता का श्रेय तो लेते हैं, लेकिन असफलता का दोष दूसरों को देते हैं। आप अपने जीवन के किसी भी क्षेत्र में जितनी ज्यादा जिम्मेदारियां स्वीकार करते हैं, उतना नियंत्रण भी महसूस करते हैं।
सत्यनिष्ठ व्यक्ति के तौर पर पहचान हासिल करें
लोग आपका उस वक्त साथ देंगे जब आप एक सत्यनिष्ठ व्यक्ति के तौर पर पहचान हासिल करेंगे। परिस्थिति के अनुसार बदलने वाले मूल्यों की झलक उस वक्त मिलती है जब कोई कहता कुछ है और करता कुछ और है। आप क्या बोलते हैं वह मायने नहीं रखता, आप जो करते हैं वह मायने रखता है।
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