- किताबों से जानिए, कैसे इच्छाओं की गुलामी से मुक्ति पा कर लक्ष्य पाया जा सकता है, क्यों जरूरी है एक योजना के बाद दूसरी तैयार रखना?
मन के मालिक बनें, गुलाम नहीं
अक्सर हम काम से जी चुराते हैं। हम स्वभाव से आलसी होते हैं, इसलिए हम यह भूल जाते हैं कि सफलता की राह मुश्किलों से भरी होती है जिस पर चलने के लिए हमें अपने मन पर काबू पाना होगा। अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ करना होगा, लक्ष्य की तरफ बढ़ना होगा। हम यह भी भूल जाते हैं कि जो सफल होते हैं वो अपने मन के गुलाम नहीं बल्कि उसके मालिक होते हैं।
विरोधाभास में खुद से ये सवाल जरूर पूछें
विरोधाभास के बारे में सोचने के लिए सबसे अच्छा रास्ता है अपने आप से पूछिए- क्या वो पूरी तरह सही हो सकते हैं? क्या उनके विरोध या तर्क में सच्चाई है? क्या मेरी प्रतिक्रिया लोगों की नजर में मेरा सम्मान बढ़ाएगी? मैं जीतूंगा या हारूंगा? क्या मेरे चुप रहने से असहमति खत्म हो जाएगी? क्या यह कठिन स्थिति मेरे लिए एक अवसर है? मैंने इससे अब तक क्या सीखा है?
एक योजना विफल हो तो नई बनाएं
अन्य लोगों के सहयोग बिना किसी व्यक्ति के पास एक बड़ी सम्पत्ति का संचय करने के लिए पर्याप्त अनुभव, शिक्षा, क्षमता, ज्ञान नहीं हो सकता। सबसे बुद्धिमान व्यक्ति भी पैसा बनाने के उपक्रम में बिना योजना के सफल नहीं हो सकता। आपकी योजना असफल होती है तो यह अस्थाई हार है, स्थाई विफलता नहीं है। इसका मतलब है कि आपकी योजना सही नहीं थी। ऐसे में अन्य योजना का निर्माण करें।
आत्मविश्वास के बिना असंभव है सफलता
सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है, जितना जीवन के लिए हवा-पानी। बिना आत्मविश्वास के सफलता की राह पर चलना असंभव है। आत्मविश्वास ऐसी ऊर्जा है, जो सफलता की राह में आने वाली कठिनाइयों से मुकाबला करने हेतु व्यक्ति को साहस प्रदान करती है। सफलता की राह आसान नहीं। आत्मविश्वास ही साहस, दृढ़ता व आगे बढ़ने का उत्साह प्रदान करता है।
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