सीए दिवस शनिवार को है। आज कहानियां उनकी, जिन्होंने सीए की स्किल को प्रशासनिक सेवा, राजनीतिक जीवन, जज के रूप में अपने मौजूदा कार्यक्षेत्र में लागू किया। सीए में सीखे स्किल्स की मदद से सफलता पाई। मध्यभारत के 7 राज्यों में आज सिर्फ 7 आईएएस, 7 आईपीएस, 2 आईआरएस, एक विधायक, 2 आईटीएटी सदस्य, एक जज और एक-एक रेलवे और ट्रैफिक अधिकारी हैं जिन्होंने मध्यभारत रीजन में सीए की पढ़ाई पूरी की। आज कहानियां उन प्रशासनिक और पुलिस अफसरों की, जिन्होंने सीए करने के बाद इस सेवा में प्रवेश लिया, सीए होने का उन्हें कई जगह मिला फायदा
सीए से ट्रेनिंग कराई, इससे बैलेंस शीट समझने लगे
एडीजी विपिन माहेश्वरी ने सीए की स्किल्स की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में महती भूमिका को लेकर बताया- 2015 में उन्होंने इंदौर के पुलिस अधिकारियों के लिए सीए ब्रांच से मिलकर ट्रेनिंग सेशन करवाया। इसमें 120 पुलिस अफसरों, कर्मचारियों को बैलेंस शीट, प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट को पढ़ना, समझना आदि सिखाया था। साइबर क्राइम और ड्रग्स से जुड़े कई ऐसे मामले भी हैं जिसमें आरोपी के बैंक खातों पर इन्वेस्टिगेशन करते हुए पैसों को ट्रैक कर मास्टरमाइंड तक पहुंचा गया, जिसमें एडीजी (एसटीएफ) माहेश्वरी के सीए की उपाधि में सीखे गुर काम आए।
सट्टे-शैल कंपनियों का गठजोड़ तोड़ा
ये हैं नीमच के एसपी तोलानी। कई सालों से कई शहरों में सेवाएं देते रहे। 2 साल पहले इन्होंने महू में 53 करोड़ के सट्टे के बड़े मामले का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई। यह सट्टा 15 शैल कंपनियों से होकर आरोपी तक पहुंच रहा था। यह केस वे आसानी से इसीलिए हल कर पाए क्योंकि उन्होंने सीए की परीक्षा पास की थी। रीकन्सिलिएशन और फाइनेंशियल क्राइम के सिद्धांतों को पढ़ाई के दौरान सीखा। और वहां जो सीखा उसे अपने पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में भी उतारा।
सीए कर देश की प्रगति में देना था प्रत्यक्ष योगदान
सेंट्रल जीएसटी के ऑडिट विंग में बतौर डिप्टी डायरेक्टर पदस्थ सुनील साहू 2012 में सीए करने के बाद सरकारी विभागों में पदस्थ रहे। 2019 में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने उनके सीए के बैकग्राउंड को देखते हुए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स में बतौर चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर पदस्थापना दी। साहू कहते हैं सीए बनने के पहले दिन से सरकार के साथ रहकर सेवाएं देना चाहते थे ताकि देश की प्रगति में योगदान दे सकें।
26 साल छात्रों को सीए पढ़ाने के बाद ट्रिब्यूनल जॉइन किया
इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल सदस्य बीएम बियानी भी हैं, जिन्होंने राजस्थान से 1995 में सीए किया। 26 साल प्रैक्टिस की, सीए छात्रों को पढ़ाने के बाद 2019 में ट्रिब्यूनल जॉइन किया।
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