- नोवाक जोकोविच ने ग्रैंड स्लेम में 350 मुकाबले जीत लिए हैं और लगातार 30वीं जीत दर्ज की है। कैसे वो इतने समय तक खेल में बने हुए हैं, उनकी जुबानी...
हम कोई भी काम करें, मेंटल हेल्थ पर अक्सर ध्यान नहीं देते। अब कम से कम खेलों में तो लोग इस ओर काफी ध्यान देने लगे हैं और यह होना भी चाहिए। टेनिस जैसे एकल खेल में आप कोर्ट में अकेले होते हैं। जब चीजें विपरीत दिशा में जा रही होती हैं तो कोई मदद के लिए नहीं होता है, केवल आप होते हैं। आपको ही हालात से जूझकर निकलना होता है। मेंटल वर्क के मामले में यह सबसे बढ़िया बात है कि आप मैदान में उतरने से पहले ही आधी तैयारी कर सकते हैं। अगर मैदान में जाने से पहले होने वाली मेंटल तैयारी आपने नहीं की है, तो आपके लिए यह काम पहाड़ चढ़ने से भी मुश्किल हो जाएगा। कोई भी मैदान मारना हो तो आपको लॉन्ग और शॉर्ट टर्म स्ट्रैटेजी बनाना ही होगी। आप जितना ज्यादा खेलेंगे, यह समझना आपके लिए उतना ही आसान होता जाएगा। शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिरता बेहद जरूरी है, तभी जीत का मौका बनता है। यह गहरा दृष्टिकोण जीवन के हर क्षेत्र में अहम जगह रखता है। आपके आस-पास सही लोगों का होना भी जरूरी है। ठीक से खाना महत्वपूर्ण है। अगर आप भावनाओं को दबाने की कोशिश करेंगे, तो यह काम के वक्त उभरने लगेंगी। मैं मैच के दौरान जब भी अपने किसी टीम मेंबर पर चिल्लाता हूं तो मतलब यह होता है कि मैं हालात को ठीक से हैंडल नहीं कर पा रहा हूं। साफ मतलब होता है कि आपमें छुपा राक्षस बड़ा हो रहा है। मैच के वक्त मुझे सामने वाले खिलाड़ी से, देखने वालों से और अन्य कई चीजों से डील करना होता है... कुल मिलाकर आपको ही अपने गुस्से से डील करना है। लोग आपको अक्सर यह कहते मिलेंगे कि मौजूदा वक्त में रहना चाहिए। यह असंभव है, हमेशा ऐसा नहीं हो पाता है कि आप मौजूदा वक्त में रहें। आपका दिमाग पुराने अनुभवों को पूरे वक्त याद करता रहता है, और दूसरी दिशा में आपको खींचने की कोशिश भी करता रहता है। आप अपने दिमाग को पूरी तरह इग्नोर नहीं कर सकते। जब भी आप तनाव में होते हैं, तब कोई लाख बोलता रहे कि नेगेटिव नहीं सोचना है, तो भी ऐसे ख्याल मन में आएंगे ही। ये सब होता रहेगा, बस आपको फोकस नहीं खोना है। आपका ध्यान हटा कि तेजी से चीजें हाथ से फिसलती चली जाएंगी। आप हालात को स्वीकारने के सिवा कुछ नहीं कर सकते। स्वीकारना ही है, तो जल्दी कीजिए। जितनी जल्दी स्वीकारेंगे, वापसी के लिए उतना वक्त मिलेगा। अपनी सांसों पर ध्यान लगाइए, इससे आपको जरूर मदद मिलेगी।
गलतियां सब करते हैं, याद नेमतों को रखिए अगर आप इंसान हैं तो गलतियां करेंगे ही। इंसान होने की निशानी ही गलती करना है। हम जिंदगी के आखिरी दिन तक गलतियां करते रहेंगे, शायद हम लाखों गलतियां एक जीवन में करते हैं। बस करना यह है कि इन गलतियों से तुरंत ही ध्यान हटाना है। आप गलती पर से ध्यान हटा लेंगे तो देखेंगे कि इसका आपके जीवन पर कम असर हुआ है या हुआ ही नहीं है। इसकी जगह आपको केवल नेमतों को याद रखना है। खुद को बेहद खास समझिए। मैं भी ऐसा ही करता हूं। खुद को टेनिस प्लेयर मानना मेरे लिए भी सम्मानजनक है। वो खेल खेलना भी जिससे मैं चार साल की उम्र से प्यार करता आया हूं। (लंदन के एएसआईसीएस इवेंट में मशहूर टेनिस प्लेयर नोवाक जोकोविच)
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