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शिव पूजा में चढ़ा सकते हैं अलग-अलग पत्तियां:शिवलिंग पर बिल्व पत्र के साथ शमी, दूर्वा भी चढ़ाएंगे तो कुंडली के ग्रह दोषों का असर होता है कम

अभी सावन महीना चल रहा है। इस साल सावन दो महीनों का है। 31 अगस्त की सुबह तक ये महीना रहेगा। तब तक रोज सुबह शिव जी की पूजा करेंगे तो धर्म लाभ मिलेगा और शांति मिलेगी। शिव पूजा में फूल-पत्तियां खासतौर पर चढ़ाई जाती हैं। आमतौर पर बिल्व की पत्तियां ही चढ़ाते हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ और पत्तियां भी हैं, जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, शिव पूजा में अलग-अलग पत्तियां चढ़ाते हैं तो कुंडली के ग्रह दोषों का असर कम हो सकता है। जानिए ये पत्तियां कौन-कौन सी हैं...

शनि के साथ ही शिवलिंग पर भी चढ़ाएं शमी

शमी के पत्ते शनि देव को चढ़ाए जाते हैं, लेकिन ये पत्ते गणेश जी और शिव जी को भी चढ़ा सकते हैं। सावन माह में रोज सुबह शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं और इसके बाद बिल्व के साथ ही शमी के पत्ते भी जरूर चढ़ाएं। पत्ते चढ़ाते समय शिव जी के मंत्र ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।

धतूरे के साथ चढ़ाएं इसके पत्ते भी

शिवलिंग पर धतूरा तो अधिकतर लोग चढ़ाते हैं, लेकिन इसके साथ ही धतूरे के पत्ते भी शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। ये पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों के बुरे विचार, बीमारियां खत्म हो सकती हैं। शिव जी की कृपा से सुख-शांति मिलती है।

शिव जी को चढ़ाएं आंकड़े के फूल और पत्ते

शिव पूजा में आंकड़े के फूलों के साथ ही इसके पत्ते भी चढ़ाना चाहिए। आंकड़े के फूल और पत्तों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। माना जाता है कि आंकड़े के फूल-पत्तियों से बनी माला चढ़ाने से शिव पूजा जल्दी सफल हो सकती है।

विष्णु जी का स्वरूप है पीपल

पं. शर्मा कहते हैं कि पीपल को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इस पेड़ के नीचे शिवलिंग स्थापित करके पूजा करनी चाहिए। इसके पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए। पीपल के पत्तों पर श्रीराम का नाम लिखकर हनुमान जी और शिव जी को, चढ़ाएंगे तो भगवान की भक्ति सफल हो सकती है।

गणेश जी ही नहीं, शिव जी को भी चढ़ाएं दूर्वा

दूर्वा के बिना गणेश जी की पूजा अधूरी रहती है। ये बात तो अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन गणेश जी के साथ ही शिवलिंग पर भी दूर्वा चढ़ानी चाहिए। जो भक्त शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाते हैं, उन्हें शिव जी के साथ गणेश जी की भी कृपा मिल सकती है।

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