इंदौर की विजय नगर पुलिस ने शनिवार को पांच युवकों को हिरासत में लिया। सभी से अलग-अलग पूछताछ की गई। युवकों ने एक नाम का खुलासा किया। जिसमें दिनेश तिरोले को फर्जी मार्क शीट बनाने के मामले में आरोपी बनाया गया। दिनेश की निशानदेही पर पुलिस ने उज्जैन के घटिया में रहने वाले मनीष राठौर को भी पकड़ा है। आरोपी उज्जैन से स्टूडेंट को मार्क शीट के लिए दिनेश के पास भेजता है। इधर इस कांड से जुड़े हुए और लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। पकड़ाए दो लोगों से पुलिस को जानकारी लगी है कि उनके पास 30 हजार से लेकर 1 लाख तक की डिग्री उपलब्ध है।
डीसीपी अभिषेक आनंद के मुताबिक आशीष श्रीवास्तव निवासी पूनम कॉलोनी की शिकायत के बाद दिनेश तिरोले को गिरफ्तार किया गया। दिनेश ने अब तक की पूछताछ में बताया कि वह 1 हजार से ज्यादा फर्जी मार्क शीट तैयार कर स्टूडेंट को दे चुका है। उसने उज्जैन के साथी मनीष की भी जानकारी दी है। उसे भी गिरफ्तार कर इंदौर लेकर आया गया है।
दिनेश ने कबूला कि उसने मध्यप्रदेश, दिल्ली, बिहार, पंजाब, राजस्थान सहित कई राज्यों की यूनिवसिर्टी की मार्क शीट बनवाई है। आरोपी के पास से कुछ मार्क शीट जब्त भी की गई है। टीआई रवीन्द्र गुर्जर के मुताबिक जहां से आरोपियों द्वारा मार्क शीट बनवाई जा रही थी। वहां किन लोगों के संपर्क में दिनेश था। इस बात की भी जांच की जा रही है।
दिनेश के साथ कई लोग उसकी गैंग में शामिल हैं, जो 30 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक में मार्क शीट तैयार करवा देते हैं। आरोपी 10th,12th के साथ बी-फार्मा, डी-फार्मा और डॉक्टर तक की डिग्री दिला देते हैं। उज्जैन का मनीष भी दिनेश के पास स्टूडेंट लाने का काम करता है। वह उज्जैन के एक कोचिंग से भी जुड़ा हुआ है।
मनीष के पास डॉक्टर की डिग्री, निशानदेही के बाद दो और पकड़ाए
मनीष के पास बीएचएमओ की डिग्री पुलिस को मिली है। मनीष खुद के नाम के साथ डॉक्टर लिखता था। पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि मनीष सच में डॉक्टर है भी या नहीं। कहीं उसने फर्जी तरीके से तो डिग्री हासिल नहीं की है। रात में इस मामले में विजय नगर पुलिस ने मुकेश तिवारी निवासी अन्नपूर्णा व एक अन्य को भी पकड़ा है। मुकेश भी मनीष के साथ इसी काम से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक उसके पास भी डॉक्टर की डिग्री है। वहीं महू नाका इलाके में रहने वाले एक अन्य मेंबर की भी पुलिस को जानकारी लगी है।
भोपाल यूनिवर्सिटी ने किया इनकार
पुलिस को आरोपियों के पास से जो डिग्री मिली है, उसमें से कई भोपाल की यूनिवर्सिटी से बनाई गई हैं। डीसीपी अभिषेक आनंद के मुताबिक भोपाल यूनिवर्सिटी से इस मामले में जानकारी ली गई तो उन्होंने अपने यहां से इस तरह की डिग्री जारी होने की बात से साफ इनकार कर दिया। अभी आरोपियों से यह भी पता लगाया जा रहा है कि उक्त डिग्री उन्होंने किस तरह से बनवाई है। मामले में बड़े बीजेपी नेता के परिचित का नाम भी सामने आया है। जिसके बाद पुलिस पूरे मामले में गंभीरता से जांच कर रही है।
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