दुनिया में सभी प्रकार के लोग हैं। कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि हे गुरुदेव दुनिया में इतने इतने गंदे लोग हैं क्या इनका कल्याण होगा ? तो मैंने कहा दुनिया में सभी तरफ से ठुकराए गए व्यक्ति भी मोक्ष जा सकते हैं, अंजन चोर सरिखा व्यक्ति भी मोक्ष पा गया। यह केवल पुण्य आत्माओं के लिए ही नहीं है बल्कि पाप आत्माओं के लिए भी है। पंचम काल में धर्म बहुत अल्प है, क्योंकि इस काल में साक्षात भगवान भी नहीं है और अवधि ज्ञानी मुनि भी नहीं है, या कह सकते हैं कि बिना राजा के प्रजा है।
यह बात गुरुवार को बड़ा गणपति स्थित मोदीजी की नसिया में आचार्य विहर्ष सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहीं। आचार्य श्री कहते हैं धर्म को धारण करो, किंतु आप इसे छोड़कर बाकी सब कुछ धारण कर लेते हो। यदि थोड़ा बहुत धर्म करते भी हो तो, उसमें विवेक की कमी है। पहले घर में श्रावक होते थे और अब गृहस्थ है, इसलिए अस्त-व्यस्त हैं और तनावग्रस्त हैं। हमारा सौभाग्य है कि पंचम काल में हमें जगाने के लिए गुरु तो हैं। जैन समाज पर गुरुओं का हाथ है, इसलिए केवल एक प्रतिशत हो कर भी आप सम्मान से जी रहे हो।
समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि पूजा- शिविर के समापन अवसर पर अधिकतर समाज जनों को धोती- दुपट्टा पहना कर अभिषेक, शांति धारा और अंत में पूजा भी करवाई। इस अवसर पर हुमढ युवा मंच ने 28 सितंबर को नृसिंह वाटिका में पधारने के लिए श्रीफल भेंट किया। आज प्रमुख रूप से हंसमुख गांधी, सुशील पांड्या, योगेंद्र काला, रिषभ पाटनी , महावीर झांझरी, मनोज सिंघई उपस्थित थे। सभा का संचालन कमल काला ने किया। पारस पांड्या ने आभार माना।
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