बड़ा गणपति स्थित मोदीजी की नसिया में चल रहे अनिमेय वर्षायोग- 2023 के अंतर्गत रविवार को पूजा शिविर का शुभारंभ आचार्य विहर्ष सागर महाराज के पावन सान्निध्य में हुआ। इस मौके पर आचार्यश्री ने बताया कि मंदिर जी में पहले भगवान जी का अभिषेक करते हैं फिर पूजा। मंदिर जाने का विचार बनाने से मंदिर पहुंचने तक कितने उपवास का फल मिलता है,आपने विस्तृत रूप से बताया।
जहां मन स्थिर हो जाएं वह मंदिर है
आचार्य श्री ने कहा - जहां मन स्थिर हो जाएं वह मंदिर है। मंदिर में प्रवेश करते समय हाथों में साबुत चावल ले जाना चाहिए और भगवान के सामने पांच ढेरी चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह पंच परमेष्ठी का प्रतीक है। पूजा के विषय में आपने बताया कि देव-शास्त्र-गुरु का गुणानुवाद करना पूजा है। आत्मा अनंत पर्यायों को धारण करने के बाद मेली हो जाती है, उसको 8 द्रव्यों से साफ करना है। पूजन में ध्यान देने योग्य बातों को भी आपने विस्तृत रूप से समझाया।
पूजा हमेशा सुबह ही करना चाहिए
आचार्य श्री कहते हैं कि भले ही आप केवल एक पूजा करो, उसे बड़े मनोयोग से करो, उस वक्त केवल तुम और तुम्हारे भगवान ही होना चाहिए। पूजन से हमारा मन, भाव और भावनाएं पवित्र होती है। पूजा हमेशा सुबह-सुबह ही करना चाहिए। वैसे पूजा का अधिकार केवल देवों को ही दिया गया है इसलिए पूजा करते समय सिर पर मुकुट गले में हार व अन्य वस्तुएं पहनकर ही पूजा करें, इसके साथ ही हमें अपने शरीर पर नौ स्थानों पर चंदन लगाकर अष्ट द्रव्यों से पूजा करना चाहिए। ये अष्ट द्रव्य हैं, जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद, दीप, धूप और फल।
14 सितंबर तक चलेगा पूजा शिविर
समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि पूजा शिविर 14 सितंबर तक चलेगा। रविवार को मंगलाचरण पंडित रमेश चंद बांझल ने किया। इस अवसर पर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश विनायका, समाज के महामंत्री सुशील पांड्या, योगेंद्र कला, कोषाध्यक्ष राजेंद्र सोनी, गुड़गांव से पधारे मुनेश जैन, शैलेंद्र जैन, अरुण जैन, नीरा जैन, संगीता जैन व सुशीला जैन आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। सभा का संचालन कमल काला ने किया व आभार पारस पांड्या ने माना।
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