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मध्यप्रदेश में विधायकों की पांच साल में औसत संपत्ति 11.91 करोड़ से बढ़कर 17.81 करोड़ हुई, 5.90 करोड़ का इजाफा

विधायकों की संपत्ति 1982 प्रतिशत तक बढ़ी, 9 की 64 प्रतिशत तक घटी एडीआर ने मध्यप्रदेश के पुन: चुनाव लड़ने वाले 192 विधायकों की संपत्ति का ब्योरा किया जारी

विधानसभा चुनाव में दोबारा चुनाव लड़ रहे 192 विधायकों में से 180 यानी 94 फीसदी विधायकों की संपत्ति में एक फीसदी से लेकर 1982 फीसदी तक की इजाफा हुआ है। वहीं, 12 विधायक यानी छह फीसदी ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति कम हुई है।

12 विधायकों की दौलत में एक से लेकर 64 फीसदी तक की कमी आई है। संपत्ति में सबसे अधिक कमी सबलगढ़ विधायक बैजनाथ कुशवाह की हुई, उनकी संपत्ति 64 प्रतिशत घटी है। उनकी संपत्ति 1.42 करोड़ से घटकर 41.23 लाख रह गई। कांग्रेस से मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा की संपत्ति में सबसे ज्यादा 1982 प्रतिशत तक बढ़ी। उनकी संपत्ति करीब 11 लाख से बढ़कर 2.28 करोड़ हो गई। इसका खुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है। दोबारा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संपत्ति का आंकलन शपत्र पत्र में दिए गए उनके संपत्ति के ब्यौरे के माध्यम से किया गया।

भाजपा के चैतन्य कश्यप की संपत्ति में 91.45 करोड़ बढ़ी

पांच साल में विधायकों की औसत संपत्ति 11.91 करोड़ से बढ़कर 17.81 करोड़ हुई, 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई। यानी उनकी संपत्ति में 5.90 करोड़ का इजाफा हुआ। पांच साल में औसतन संपत्ति वृद्धि 50 प्रतिशत हुई है। रतलाम शहर से भाजपा के चैतन्य कश्यप की संपत्ति में सबसे ज्यादा 91.45 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है। 2018 में उनकी संपत्ति 204.63 करोड़ रुपये थी जो 2023 में बढ़कर 296.08 करोड़ रुपए हो गई।

दूसरे नंबर तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा की संपत्ति 62 प्रतिशत (81.55 करोड़) बढ़कर 212 करोड़ और इंदौर-1 से विधायक संजय शुक्ला की संपत्ति 55 प्रतिशत (77.47 करोड़) की वृद्दि हुई। इसी तरह देपालपुर से कांग्रेस के विशाल पटेल के पास 2018 में 69.16 करोड़ थे जो 2023 में 141.76 करोड़ हो गए और 72.60 करोड़ यानी 105 प्रतिशत की आय बढ़ी। वहीं, शिवपुरी से कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह की आमदनी 2018 में 73.76 करोड़ थी जो 2023 में 140.71 करोड़ बताई गई है। पांच साल में इनकी आमदनी 66.94 करोड़ यानी 91 प्रतिशत बढ़ी है।

भाजपा की 35 तो कांग्रेस की 64 प्रतिशत बढ़ी

पार्टीवार देखें तो 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के 100 विधायकों की औसत संपत्ति 11.65 करोड़ थी जो बढ़कर 15.75 करोड़ हो गई है। पांच साल में इसमें 4.10 करोड़ से अधिक यानी 35.21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।कांग्रेस के 88 विधायकों की औसत संपत्ति 12.56 करोड़ करोड़ से बढ़कर 20.52 करोड़ पहुंच गई। पांच साल में इनकी संपत्ति करीब 7.96 करोड़ यानी 63.43 करोड़ बढ़ी। दोबारा चुनाव लड़ रहे बसपा के दो विधायकों की औसत संपत्ति 2018 में 4.32 करोड़ थी। जो अब बढ़कर 7.90 करोड़ रुपए हो गई है। इनकी संपत्ति में 3.57 करोड़ यानी 82.57 करोड़ बढ़ी। एक निर्दलीय विधायक की संपत्ति पिछले चुनाव में 7.93 करोड़ थी, जो इस चुनाव में 22.42 करोड़ हो गई। इसके अलावा विंध्य जनता पार्टी के एक विधायक की संपत्ति 2018 में 89 लाख थी जो 2023 में घटकर 86 लाख हो गई।

इनकी दौलत हुई कम

कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जिनकी दौलत घट गई। देवास से भाजपा की गायत्री राजे पवार की 2018 में संपत्ति 27.29 करोड़ थी जो 37 प्रतिशत घटकर 17.29 करोड़ रह गई है। रीवा से भाजपा के राजेंद्र शुक्ला की पिछले चुनाव में संपत्ति 32.98 करोड़ थी जो कम होकर 30.88 करोड़ रुपए पर आ गई। बड़वाह से भाजपा के सचिन बिड़ला की दौलत 4.14 करोड़ से घटकर 3.08 करोड़ रह गई है। इछवार सीट से भाजपा के करण सिंह वर्मा की संपत्ति 3.81 करोड़ से घटकर 3.24 करोड़ रह गई। वहीं, गृहमंत्री नरोत्त्म मिश्रा की संपत्ति 6.88 करोड़ से घटकर 6.84 करोड रुपए रह गई।

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