अयोध्याजी के नवनिर्मित मंदिर में 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला विराजित होंगे। इससे पूर्व देशभर में हर आम और खास को अयोध्याजी पहुंचने और रामलला के दर्शन करने के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया जा रहा है।
संत-महंत रहे मौजूद राजधानी में हुए पूजित अक्षत कलश का जिला सह-वितरण कार्यक्रम में महामंडलेश्वर प्रज्ञा भारती दीदी, महंत रामदास त्यागी, महंत अनिलानंद महाराज, महामंडलेश्वर राम भूषण दास, महंत राधा मोहन दास महाराज, महंत रविन्द्र दास महाराज, महंत सुदेश शांडिल्य, विहिप केंद्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सावला, अन्य संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे। देश को 45 भागों में बांटकर, निश्चित दिन पधारने का निमंत्रण विहिप ने देश को 45 भागों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है।
प्रत्येक भाग के लिए 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच उस भाग के लिए निश्चित दिन अयोध्या पधारने का निवेदन किया जाएगा। इसी आधार पर मध्यभारत प्रान्त से 17 फरवरी को 2500 लोगों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा देशभर में अयोध्या के कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जाएगी। उसी दिन आरती में स्वर मिलाते हुए प्रसाद बांटेंगे।
जो अयोध्या नहीं जा पाएंगे वे स्थानीय मंदिरों में होंगे इक्कठे
विहिप ने आह्वान किया है कि आगामी 22 जनवरी को दूसरी दीपावली होगी जब रामजी 500 वर्षों के बाद भारत की स्वतंत्रता की अमृत बेला में अपने जन्म-स्थान पर लौटेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह समस्त रामभक्तों को तो उसी दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता। इसको ध्यान में रखकर प्रान्तभर के हिन्दू अपने मोहल्ले या गांव के मंदिरों को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहां की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना और अनुष्ठान करें।
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