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दीप उत्सव के बाद अब लोकतंत्र के महापर्व की बारी, वकीलों ने बताया कैसी हो नई सरकार !



इंदौर। दीप उत्सव के बाद अब लोकतंत्र के महापर्व की बारी है। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन और समय निर्धारित हो चुका है। नई सरकार कैसी हो, किन मुददों पर काम करने वाली सरकार हो, इस पर अधिवक्ता वर्ग से विशेष चर्चा की गई, जिसमें उनका कहना है कि सरकार संविधान का पालन करने और करवाने वाली होना चाहिए। प्रतिनिधि वह हो जो जनता के लिए विनम्र और सहज भाव से उपलब्ध हो। शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और विकास के लिए हितैषी सरकार हो।

अधिवक्ता धर्मेंद्र गुर्जर का कहना है कि सरकार कोई भी हो, लेकिन नई सरकार बिकाऊ नहीं टिकाऊ होना चाहिए। सत्ता बदलने वाला प्रतिनिधि नहीं होना चाहिए। जनता का सेवक, जरूरत समझने वाला हो। बेरोजगारी भत्ते से अच्छा रोजगार देने वाली सरकार हो।

अधिवक्ता अमर सिंह राठौर का कहना है कि प्रतिनिधि जनसाधारण से जीवंत संपर्क रखने वाला हो। अपने क्षेत्र की जानकारी हो, जिसको ट्रैफिक से लेकर पानी, सडक़ और जनता की मांग की समझ हो। पर्यावरण की ओर ध्यान देने वाली सरकार होना चाहिए।


अधिवक्ता हेमंत शर्मा का कहना है कि सरकार किसी एक वर्ग के लिए काम करने वाली नहीं होना चाहिए। वर्ग विशेष का जनप्रतिनिधि बनकर काम करने वाला सभी का हित नहीं सोच सकता। विकास हर वर्ग के पास पहुंचाने वाली सरकार होना चाहिए।

अधिवक्ता गगन बाजड़ का कहना है कि नई सरकार ऐसी हो, जो सही कानून को लेकर आए और कानून को लागू कराने पर ध्यान दे। साथ ही कानून का गलत उपयोग करने वालों पर निष्पक्ष कार्रवाई के कदम उठाएं। मुफ्त की योजनाओं का लाभ न दिया जाए।

अधिवक्ता प्रीति मेहना का कहना है सरकार खिलाडिय़ों और खेल के लिए काम करने वाली होना चाहिए। महिलाओं के लिए बने कानून का सही तरह से पालन नहीं होता है। कामगार को छोड़ दें तो घरेलू महिलाओं पर अत्याचार पर कानून का ठीक से पालन नहीं होता।

अधिवक्ता तनुज दीक्षित का कहना है कि हमारे भावी विधायक की यह खूबी होना चाहिए कि वह पांच साल क्षेत्र में जनता से सीधे संपर्क में रहें। जनता की बातें सुनें और क्षेत्र की बड़ी समस्याओं को विधानसभा में प्रमुखता से रखें। रहवासी संघ से भी संपर्क में रहें।


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