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शिवराज बोले- किसी से पूछता तो लाड़ली बहना योजना लागू ही नहीं हो पाती

आत्मविश्वास: अनौपचारिक चर्चा में सीएम ने कहा- जनता के लिए जो कर सकता था किया और आगे भी करूंगा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।

सीएम हाउस में झिलमिलाती लाइटें, बेतकल्लुफ अंदाज और चेहरे पर आत्मविश्वास। चुनावी थकान दूर कर हमेशा की तरह तरोताजा, लेकिन चेहरे पर अब सुकून के साथ बेफिक्री। ये अंदाज सीएम शिवराज सिंह चौहान का सोमवार देर शाम सीएम हाउस पर दिखा। शिवराज का कहना था, मैंने जनता के कल्याण के लिए सबकुछ किया। संतोष है कि जनता के लिए जो कर सकता था किया और आगे भी करूंगा। आत्मविश्वास ये कि भाजपा की सरकार बन रही है। आगे भी जनता के कल्याण का विजयीरथ चलता रहेगा। शिवराज ने लाड़ली बहना योजना बनाने का खुलासा करते हुए कहा कि मैं सोचता रहा कि क्या करूं कि महिलाओं को खर्च के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े, फिर ये योजना सोची। इसे डिस्कस करने में नहीं लाया, क्योंकि डिस्कस करता तो नहीं हो पाता। सीधे नर्मदा घाट पर सभा के बाद मैंने ऐलान कर दिया कि लाड़ली बहना को एक हजार रुपए महीना दूंगा, फिर दूसरी सभा में गया तो वहां भी रिपीट किया।

जब नाम न हो, तब भी काम करो

इस पर कुछ महिलाएं पास आईं कि भइया, क्या सचमुच में एक हजार दोगे। मैंने कहा- हां सौ फीसदी। एसीएस का फोन आया कि आपने ये कह दिया कैसे करेंगे, किसे देंगे किसे नहीं। मैंने कहा, बैठक कर तय कर लेंगे। दरअसल, शिवराज ने मीडिया को अनौपचारिक चर्चा के लिए बुलाया था। चर्चा अनौपचारिक थी, इसलिए गुफ्तगू लंबी हुई। हर मुद्दे पर बेबाकी से बात की। ये भी कहा कि चुनाव में हर दिन 10-12 सभाएं करता था। समय होता नहीं था, लेकिन मुझे जनता ने जो गले लगाया वो सुख कहां मिलता है।

झाबुआ-अलीराजपुर गया तो वहां बहनों ने गले लगाया। एक जगह तो गाड़ी रुकवाकर लाड़ली बहना मिलने आई। ये प्यार कहां मिलता है। सीएम ने अब भी प्रेमबाई की अंगूठी पहन रखी है। कितनी सीटें जीतेंगे के सवाल पर शिवराज मुस्कुराकर कहते हैं- आप जितना सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा... ये भी तय है कि सरकार भाजपा की बन रही है। सीएम ने ये भी कहा कि सभी सांसद व बड़े नेता चुनाव जीत रहे हैं। मेरा मानना है कि जब नाम न हो, तब भी काम करो। तब ही तो शिवराज, वरना क्या।

आम लोगों की तकलीफ से उपजी हैं योजनाएं

शिवराज ने चुनावी प्रचार के अनुभव भी बांटे। कहा कि जहां जाता था, वहां लाड़ली बहनों का प्यार मिलता था। ये भी कहा कि जब बुदनी गया तो कोई काम की किसी ने शिकायत की। कहा कि ऐसा नहीं हुआ तब आश्वासन दिया, लेकिन मैं तो बुदनी की जनता को हथेली पर रखता हूं। इसलिए मन में बात रह गई। जब सभा हुई तो कह दिया कि चला जाऊंगा तो बहुत याद आऊंगा। ये बात उस समय जनता के परिप्रेक्ष्य में कही थी। लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक की योजनाएं मेरे मन और आम लोगों की तकलीफ से उपजी योजनाएं हैं।

प्रदेश में लोगों की जिंदगी बदलने क लिए मैंने काम किया है, इसलिए इसका संतोष है

शिवराज ने कहा कि हमेशा मैंने तन, मन, बुद्धि और आत्मा के सुख के लिए काम किया है। एकात्मवाद में चारों सुख के बारे में बताया है। तन का सुख यानी रोटी, कपड़ा, बिजली, पानी-मकान, रोजगार आदि का इंतजाम किया। बुद्धि का सुख यानी शिक्षा, कौशल आदि, मन का सुख यानी संस्कृति-पर्यटन लोक बनाना और आत्मा का सुख यानी लोगों के जीवन को बदलने के लिए काम किया। प्रदेश में लोगों की जिंदगी को बदलने के लिए मैंने काम किया है, इसलिए इसका मुझे संतोष है। पहले भिंड-मुरैना में लड़कियां पैदा होने से पहले मार दी जाती थीं, तब सोचा कि बेटी को बोझ नहीं रहने देना है। अब समय बदल गया है। अब बेटी वरदान बन गई है। लाड़ली लक्ष्मी योजना इसलिए लाए, लाड़ली बहना लाए हैं। इसके बाद अब लखपति दीदी योजना ला रहे हैं। हम महिलाओं को आत्मनिर्भर और लखपति बनाएंगे।





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