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पैरों पर खड़ा होना मुश्किल, कांपते हाथ... बन गया ग्राफिक्स डिजाइन का मास्टर, कलेक्टर ने दिया लैपटॉप

गंभीर बीमारी से पीड़ित युवक के हौसले को मिला प्रशासन का साथ, कलेक्टर से लगाई थी गुहार

सेरेब्रल पाल्सी नाम बीमारी से पीड़ित युवक के हौसले बुलंद हैं। ठीक से खड़ा होना मुश्किल, कांपते हैं हाथ, लेकिन रोजगार के लिए मोबाइल पर ग्राफिक्स बनाने में मास्टर हो गया। काम को बढ़ाने व अच्छे से करने के लिए कलेक्टर ने उसे लैपटॉप दिला दिया।

प्रशासनिक संकुल में उमेश थोरात अपने बेटे रूपेश को लेकर पहुंचे, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। खड़े रहने पर पूरा शरीर हिल रहा था। कुछ देर में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी रूपेश के पास पहुंचे और उसे लैपटॉप दिया। उसके मिलते ही आंखों में खुशी अलग ही झलक रही थी। बताते हैं कि पिछले मंगलवार को रूपेश जनसुनवाई में पहुंचे थे और बताया था कि वह मोबाइल पर ग्राफिक्स डिजाइन का काम करते हैं। उसे 12 दिसंबर को आने के लिए कहा था। कलेक्टर ने कहा, रूपेश में हौसला कम नहीं है, इतनी तकलीफ के बावजूद वह अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है। रेडक्राॅस के माध्यम से लैपटाॅप दिलाया गया।

62 दिव्यांगों को मिलेगी रेट्रोफिटिंग स्कूटी

जनसुनवाई में एमआर 10 निवासी दिव्यांग धरमदास पाल भी थे, जो प्राइवेट नौकरी कर रहे थे। उनका कहना था कि सिटी बस से आने-जाने में परेशानी होती है। उन्हें तुरंत स्कूटी की स्वीकृति दे दी गई। इसके साथ 62 दिव्यांगों को रेट्रोफिटिंग स्कूटी देना स्वीकृत की।

आजादी के बॉन्ड लेकर पहुंचा शख्स

जनसुनवाई में बड़गोंदा निवासी गेंदालाल दसाना पहुंचे। कलेक्टर के सामने उन्होंने 1947 के दी बॉन्ड ऑफ द्वारकेश यूनिटी के 10 हजार के दो और 15 हजार का एक बॉन्ड पेश किया। कहना था कि ये हमारे दादा ने बनवाए थे जिसे कैश कराया जाए। उसे देखकर कलेक्टर चौंक गए। कहना था कि मैंने भी पहली बार ही देखा है। उन्होंने लीड बैंक मैनेजर को जांच करने के निर्देश दिए।

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