22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी जोरों पर हैं, जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतरेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में 150 वैदिक आचार्य मंत्रो का अनुष्ठान करेंगे। काशी के शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती के मार्गदर्शन में टोली का चयन हुआ है। वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे जो विभिन्न परायण पाठ यज्ञ आदि करेंगे। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे। 17 जनवरी को रामलाल की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी 18 जनवरी से पूजन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे। जटायु उन कारसेवकों बलदानियों के प्रतीक हैं जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए अपने जीवन का बलिदान किया है। उन सभी बलिदानियों के प्रतिनिधि के रूप में पक्षीराज जटायु को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद देश-विदेश से आये अतिथियों को श्री रामलला का दर्शन कराएंगे। जैसे जैसे तारीख नजदीक आती जा रही है, ट्रस्ट प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुट गया है।
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