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इंदौर से उज्जैन तक चलेगी नई वंदे भारत मेट्रो ट्रेन

 महाकाल की नगरी उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ यानि कुंभ का आयोजन होगा। इसमें करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। कुंभ के लिए कई सुविधाएं जुटाई जा रहीं हैं। सिंहस्थ को देखते हुए रेलवे ने भी एक अहम फैसला लिया है। कुंभ में ओनवाले यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी स्वीकृति दे दी है।

इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन

महाकाल की नगरी उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ यानि कुंभ का आयोजन होगा। इसमें करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। कुंभ के लिए कई सुविधाएं जुटाई जा रहीं हैं। सिंहस्थ को देखते हुए रेलवे ने भी एक अहम फैसला लिया है। कुंभ में ओनवाले यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी स्वीकृति दे दी है।

इंदौर से उज्जैन के लिए वंदे मेट्रो ट्रेन जल्द ही दौड़ेगी। यह ट्रेन दोनों महानगरों के बीच रोज चार— पांच फेरे लगाएगी। इससे महाकाल लोक आनेवाले श्रद्धालुओं को भी लाभ होगा। गौरतलब है कि महाकाल लोक बनने के बाद रोज औसतन सवा लाख लोग उज्जैन आ रहे हैं। उज्जैन जानेवाले लोगों की संख्या में संख्या में जबर्दस्त बढ़ौत्तरी हुई है।

वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरु होते ही इंदौर और उज्जैन के बीच का सफर और आसान हो जाएगा। बताया जा रहा है कि सांसद शंकर लालवानी ने इस ट्रेन के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की थी। वैष्णव ने सांसद का अनुरोध स्वीकार कर इंदौर-उज्जैन वंदेभारत मेट्रो ट्रेन की मंजूरी दे दी।

महाकाल लोक देखने देश विदेश से रोज लाखों लोग उज्जैन आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इंदौर आकर उज्जैन जाते हैं। दोनों शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन शुरु हो जाने से इन श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सुविधा हो जाएगी।उनका सफर आसान हो जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन चालू हो जाने के बाद रोज आना-जाना करने वालों को भी खासी सहूलियत होगी।

सबसे खास बात यह है कि इंदौर उज्जैन वंदे मेट्रो ट्रेन से सिंहस्थ में आनेवाले लोगों का खासा लाभ होगा। 2028 में कुंभ में उज्जैन जाना बहुत आसान हो जाएगा।

मेट्रो की तरह आठ कोच की ट्रेन
वंदे मेट्रो ट्रेन वंदे भारत ट्रेन का मेट्रो वर्ज़न है जोकि कम दूरी में चलाई जानी है। वंदे मेट्रो 100 किमी से कम दूरी के शहरों के बीच चलाई जाती है जबकि वंदे भारत ट्रेन लंबी दूरी में चलती है। वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच होते हैं जबकि वंदे मेट्रो में 8 कोच रहेंगे।

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