एमपी की लाड़ली बहना योजना की देशभर में चर्चा होती है। इस योजना में राज्य सरकार महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दे रही है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जोरदार जीत में भी इस योजना को प्रमुख वजह बताया जा रहा है। बहनों के बाद राज्य सरकार अब लाड़ली बेटियों की सुध ले रही है।
एमपी की लाड़ली बहना योजना की देशभर में चर्चा होती है। इस योजना में राज्य सरकार महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दे रही है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जोरदार जीत में भी इस योजना को प्रमुख वजह बताया जा रहा है। बहनों के बाद राज्य सरकार अब लाड़ली बेटियों की सुध ले रही है।
लाड़ली बहना की तरह ही प्रदेश में अब लड़कियों के लिए भी एक योजना तैयार की जा रही है। इस योजना में महिलाओं की तरह प्रदेश सरकार लड़कियों को भी नकद राशि देगी। लड़कियों को यह राशि शहरों में रहकर पढ़ाई के लिए दी जाएगी। प्रदेश का जनजातीय विभाग यह योजना तैयार कर रहा है। राज्य के आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री विजय शाह ने भी इसकी तस्दीक की है।
दरअसल राज्य सरकार ने प्रदेश में आदिवासी लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने का बीड़ा उठाया है। आदिवासी बहुल राज्य की वनवासी इलाके में रहनेवाली छात्राओं को पढ़ाई के लिए शहर आना पड़ता है। यहां प्राय: सरकारी होस्टलों में उन्हें जगह नहीं मिलती जिसके कारण कई छात्राओं को वापस लौटना पड़ता है।
आदिवासी छात्राएं पैसों के अभाव में पढ़ाई नहीं छोड़ें, इसके लिए उन्हें राशि देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत आदिवासी लड़कियों को पढ़ाई के लिए शहर में रहने के लिए मकान का किराया दिया जाएगा। लाड़ली बहनों की ही तर्ज पर इन आदिवासी लड़कियों को नकद राशि दी जाएगी। दो आदिवासी छात्राओं को 4 हजार रुपए देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
संभागीय बैठक में इंदौर आए मंत्री विजय शाह ने बताया कि राज्य सरकार आदिवासी लड़कियों को पढ़ाई के लिए शहर में रहने के लिए किराया देने का प्रस्ताव बना रही है। दो आदिवासी बच्चों को 4 हजार रुपए देने का प्रस्ताव है। जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने अफसरों से आदिवासी बच्चों को जल्द नौकरी मिलने की योजना बनाने को भी कहा।
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