इंदौर में जमीन का कारोबार फल-फूल रहा है। सरकार ने इंदौर जिले से जमीन के कारोबार में नौ माह में 1640 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। अब तक 1,21,510 रजिस्ट्री हो चुकी है, जो नौ माह के आंकड़ों में अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। 2021 से पहले तक यह आंकड़ा सालाना भी नहीं होता था।
शहरी सीमा से लगे पांच से दस किमी के हिस्से में कई नई कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। बाहरी निवेशक जमीनों में काफी रुचि ले रहे हैं। रजिस्ट्रार कार्यालय में संपत्ति की खरीद-फरोख्त का बड़ा आंकड़ा इसका सबूत है। हालांकि सरकार ने जिले को 2525 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया है, जिसमें काफी कमी है। लेकिन, वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने में तीन माह शेष हैं और माना जाता है कि अंतिम दिनों में रजिस्ट्रियां बाकी समय से कई अधिक होती हैं।
बीते वर्षों में सरकार की कमाईवर्ष------ कमाई (करोड़ रुपए)
2022-23 ---20842021-22 ---1836
2020-21 -- 1322----------
महानगरों की तुलना में सस्ती जमीन
इंदौर निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। स्वच्छ शहर होने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार तारीफ कर इंदौर को एक दौर बता चुके हैं। औद्योगिक क्षेत्र का यहां तेजी से विकास हो रहा है तो इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े काम हो रहे हैं। नेशनल हाइवे और रेलवे ट्रैक का काम भी चल रहा है। टीसीएस और इन्फोसिस जैसे बड़ी आइटी कंपनियां होने के साथ एजुकेशन में आइआइएम व आइआइटी जैसे शिक्षण संस्थान सहित कई मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। कारोबार का भी बड़ा केंद्र है। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, पूणे, बेंगलूरु जैसे महानगरों की तुलना में जमीन की कीमत कम है।
2022-23 ---20842021-22 ---1836
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महानगरों की तुलना में सस्ती जमीन
इंदौर निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। स्वच्छ शहर होने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार तारीफ कर इंदौर को एक दौर बता चुके हैं। औद्योगिक क्षेत्र का यहां तेजी से विकास हो रहा है तो इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े काम हो रहे हैं। नेशनल हाइवे और रेलवे ट्रैक का काम भी चल रहा है। टीसीएस और इन्फोसिस जैसे बड़ी आइटी कंपनियां होने के साथ एजुकेशन में आइआइएम व आइआइटी जैसे शिक्षण संस्थान सहित कई मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। कारोबार का भी बड़ा केंद्र है। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, पूणे, बेंगलूरु जैसे महानगरों की तुलना में जमीन की कीमत कम है।
हर कोई चाहता है इंदौर में घर
कहा जाता है कि इंदौर आने वाला यहीं का होकर रह जाता है। कई अधिकारी-कर्मचारी इंदौर आकर अन्य जिलों में पदस्थ हो गए, लेकिन उनका परिवार यहीं रह रहा है। निजी कंपनियों के भी बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की स्थाई रूप से रहने के लिए इंदौर पहली पसंद है।
कहा जाता है कि इंदौर आने वाला यहीं का होकर रह जाता है। कई अधिकारी-कर्मचारी इंदौर आकर अन्य जिलों में पदस्थ हो गए, लेकिन उनका परिवार यहीं रह रहा है। निजी कंपनियों के भी बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की स्थाई रूप से रहने के लिए इंदौर पहली पसंद है।
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