केंद्र सरकार ने हिट एंड रन कानून को पास कर दिया है. इसी का ड्राइवर और अन्य संगठन भी विरोध कर रहे हैं. इस कानून को वाहन चालक काला कानून बता रहे हैं.
हिट एंड रन के कानून के मामले में ट्रक ड्राइवर्स और ऑनर्स हड़ताल पर हैं. हड़ताल का असर अब दिखने भी लगा है. आलम ये है कि अगर 48 घंटे में हड़ताल नहीं टूटी तो पेट्रोल पम्प सूखने लगेंगे. कुछ जगह पर इसका असर दिखने भी लगा है. दरअसल नए कानून में सात साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है, जिसका चौतरफा विरोध देखने को मिल रहा है. इंदौर (Indore) की बात करें तो यहां देर रात तक पेट्रोल पंपों पर लोगों की भीड़ नजर आई और लोग पेनिक फिलिंग करवाते नजर आए.
इधर मांगलिया डिपो से कुछ ड्राइवर्स पेट्रोल लेकर जा रहे थे तो अन्य चालकों ने इस बात का विरोध कर दिया और उनकी पिटाई कर दी. लोगों ने उनकी गाड़ी भी फोड़ दी. मामले में पुलिस से शिकायत की गई है. मामले में पहली एफआईआर संदीप गौड़ की तरफ से हुई है, जिसमें रईस सुनील और जीतेन्द्र आरोपी हैं. वहीं दूसरी एफआईआर महेंद्र और सावंत के विरुद्ध राजेंद्र नामक शख्स द्वारा करवाई गई है.
ड्राइवर हिट एंड रन कानून कानून का कर रहे विरोध
दरअसल, केंद्र सरकार ने हिट एंड रन कानून को पास कर दिया है. इसी का ड्राइवर और अन्य संगठन भी विरोध कर रहे हैं. इस नए कानून के जरिए हिट एंड मामले में वाहन चालक को 10 साल तक की सजा और सात लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इस कानून को वाहन चालक काला कानून बता रहे हैं और इसमें संशोधन की मांग उठा रहे हैं. पेट्रोल पंप ड्राई होने की स्थिति बनने पर अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर पड़ सकता है.
इंदौर में ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किया विरोध
वर्तमान समय में वाहनों के जरिए ही सभी वस्तुओं का परिवहन होता है. कमर्शियल व्हीकल बंद हो जाने पर बाजार व्यवस्था बिगड़ेगी. इंदौर में एक पत्रकार वार्ता में संगठन के पदाधिकारी अमृतलाल मदान ने बताया "यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं." ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जोकि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है.
0 टिप्पणियाँ