जयपुर। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार शाम लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी टिकटों की घोषणा में कांग्रेस से आगे रही।
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार शाम लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी टिकटों की घोषणा में कांग्रेस से आगे रही। राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 15 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, चार केन्द्रीय मंत्री राजस्थान से चुनाव लड़ेंगे। पांच वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं, जबकि कांग्रेस से भाजपा में आए दो नेताओं को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया है।
राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद और केन्द्र में मंत्री भूपेन्द्र यादव को पार्टी ने इस बार अलवर से चुनाव लड़वाया है। अलवर से सांसद रहे बाबा बालकनाथ विधायक बन चुके हैं और यह सीट खाली थी। पन्द्रह में से एक सीट पर ही महिला को उम्मीदवार बनाया है। संभवत: अगली सूची में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी। लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि राजस्थान में पांच सांसदों के टिकट कटने का क्या कारण रहा।
इसलिए कटे इन सांसदों के टिकट
चूरू- सबसे बड़ा झटका सांसद राहुल कस्वां को माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में तारानगर से भाजपा प्रत्याशी रहे राजेन्द्र राठौड़ ने हार के बाद कस्वां पर हरवाने के आरोप लगाए थे और यह मामला काफी उछला भी था।
जालोर- विधानसभा चुनाव हारे सांसद देवजी पटेल का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह नया चेहरा लाया गया है। देवजी पटेल का लम्बे समय से विरोध था। विधायक का टिकट दिया गया था, उस समय भी उनका विरोध हुआ और वे चुनाव हार गए।
भरतपुर- वर्तमान सांसद रंजीता कोली का टिकट काटकर पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली को टिकट दिया गया है। भरतपुर जिले के कुछ विधायक और जिला संगठन रंजीता कोली का लगातार विरोध कर रहे थे और कुछ विवादित मामले भी सामने आए थे।
उदयपुर- सांसद अर्जुन लाल मीना लम्बे समय से बीमार है और सक्रिय नहीं है। इस वजह से उनका टिकट काट दिया गया। अर्जुन लाल मीना बीमारी के चलते पिछले दिनों उदयपुर में अमित शाह के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे।
बांसवाड़ा-डूंगरपुर- सांसद कनक मल कटारा का भी टिकट काट दिया गया है। यहां भाजपा को बीएपी से थोड़ी चुनौती मिल रही थी। ऐसे में पार्टी को कद्दावर चेहरे की तलाश थी। यह तलाश कांग्रेस विधायक महेन्द्र जीत सिंह मालवीया के रूप में पूरी हुई।
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