कृषि विभाग ने इंदौर जिले के समस्त किसानों से आग्रह किया कि वे फसल कटाई के पश्चात नरवाई नहीं जलाये। नरवाई जलाने पर प्रतिबंध है। नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
कृषि विभाग के उप संचालक श्री शिवसिंह राजपूत ने बताया कि किसानों को इस संबंध में जागरूक भी किया जा रहा है। फसल कटाई उपरांत अवशेषों को जलाने की घटनाओं को रोकने हेतु कृषि विभाग के मैदानी अमले द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार कर कृषकों को पंचायत स्तर पर समझाईश दी जा रही है।
नेशनल ग्रीन टिब्युनल के नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार Air (Prevention and Control of pollution) Act, 1981 के निर्देशों के क्रम में फसलों विशेषतः गेहूँ की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों (नरवाई) को खेतों में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है। जिसमें ऐसा कोई व्यक्ति/निकाय/कृषक जिसके पास 2 एकड़ तक की भूमि है, तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2 हजार 500 रूपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा। इसी प्रकार 2 से 5 एकड़ भूमि होने पर 5 हजार रूपये तथा 5 एकड़ भूमि होने पर 15 हजार रूपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया गया है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया है कि वे उक्त प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करवाये। किसानों से कहा गया है कि वे गेंहूँ कटाई उपरांत स्ट्रारीपर से बचे अवशेषों से भूसा बनाये अथवा रोटावेटर चलायें, भूसे से अतिरिक्त आय प्राप्त होगी तथा आग लगाने से पर्यावरण एवं मृदा स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामो से बचा जा सकेगा। कृषको से अपील की जा रही है कि वे खेतो मे नरवाई न जलाये, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा साथ खेत के साथ लगे अन्य स्थानों पर कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल एक्ट के तहत आर्थिक दण्ड से भी बचा जा सकता है।
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