दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल में खाने की आदतों के बारे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा खुलासा किए जाने के बाद शुगर लेवल (Blood sugar level) बढ़ाने वाले आहार को लेकर बहस छिड़ गई. हालांकि, डायबिटीज (Diabetes) एक जटिल बीमारी है, जो आनुवांशिक और जीवनशैली (Lifestyle) से जुड़े कारकों के कारण होती है. लेकिन इसको मैनेज करने में खानपान और व्यायाम दोनों का अहम रोल होता है.
अगर आप स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेते हैं, तो आप इस बीमारी को अच्छे से मैनेज कर सकते हैं. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये शरीर के लगभग सभी अंगों को प्रभावित कर सकती है.
बेमेल डायबिटीज (Diabetes) कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है, जिसमें किडनी खराब होना, डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लांट, आंखों की रोशनी कम होना, पैर काटना, दिल का दौरा, लकवा, डिमेंशिया, नसों में समस्या और गैंगरेन शामिल हैं. ये बीमारी मरीजों की यौन क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे उन्हें बच्चे पैदा करने में भी दिक्कत हो सकती है.
क्या है डायबिटीज? What is diabetes?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) डायबिटीज को एक ऐसी दीर्घकालिक बीमारी के रूप में परिभाषित करता है, जो तब होती है, जब या तो अग्नाशय पर्याप्त इंसुलिन (रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाला हार्मोन) नहीं बना पाता है या फिर शरीर उस इंसुलिन का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, जो वो बनाता है.रक्त शर्करा (Blood sugar) का ज्यादा होना (हाइपरग्लाइसीमिया) और कम होना (हाइपोग्लाइसीमिया) दोनों ही शरीर के कई अंगों, खासकर नसों और रक्त वाहिकाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं.द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में 50 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. अध्ययन में यह भी बताया गया है कि अगले तीन दशकों में ये संख्या दोगुनी से ज्यादा होकर 130 करोड़ हो सकती है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं.
डॉ. मोहन डायबिटीज (Diabetes) स्पेशलिटीज सेंटर के चेयरमैन, शीर्ष मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. वी. मोहन के अनुसार, “आहार, ज्यादा कैलोरी, वजन, मोटापा बढ़ना इसके मुख्य कारण हैं. साथ ही एक छोटा सा आनुवांशिक कारक भी होता है, जिसके कारण भारतीयों में मधुमेह (डायबिटीज) होने का थोड़ा ज्यादा खतरा रहता है.”
वह देश में मधुमेह (डायबिटीज) की महामारी के लिए जंक फूड (जो नमक और चीनी से भरपूर होता है) की बढ़ती खपत, व्यायाम न करना, खराब नींद, बढ़ते प्रदूषण का स्तर, मिलावटी खाद्य पदार्थ और उनमें कीटनाशकों के प्रयोग को भी जिम्मेदार मानते हैं.
डायबिटीज (Diabetes) रोगियों के लिए स्वस्थ आहार तो जरूरी है, लेकिन फल और सब्जियों के साथ-साथ भोजन की मात्रा और कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित करना भी बहुत ज़रूरी है. भोजन को ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है.
GI एक ऐसा मान है जो खाद्य पदार्थों, खासकर कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को दिया जाता है. यह निर्धारित करता है कि ये खाद्य पदार्थ शरीर में रक्त शर्करा (Blood sugar) के स्तर को कितनी तेजी से बढ़ा सकते हैं. उच्च-GI वाला भोजन रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि करता है, और फिर जल्दी से कम कर देता है. ये उच्च-GI वाले खाद्य पदार्थ इंसुलिन की मांग को बढ़ा देते हैं, जिससे टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है और डायबिटीज के रोगियों की स्थिति और खराब हो सकती है.
दूसरी ओर, कम-GI वाला भोजन मधुमेह (Diabetes) के साथ-साथ हृदय रोग, मोटापा और कैंसर जैसी इसकी जटिलताओं को रोकने में मदद करता है.हाल के एक अध्ययन में हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने बताया कि मुख्य रूप से पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों वाले कम-कार्बोहाइड्रेट आहार का सेवन करने से डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित लोगों में अकाल मृत्यु का खतरा काफी कम हो सकता है.
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के एक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कि “कार्बोहाइड्रेट को सीमित रखना” महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, “यह चीनी, गुड़, शहद आदि से परहेज या उन्हें कम मात्रा में खाकर किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने चीनी युक्त पेय पदार्थ (कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेट बंद फलों के रस) और मिठाइयों से परहेज करने पर भी ज़ोर दिया.” उन्होंने “चावल, रोटी, इडली, dosa, आलू और फलों” के सेवन को भी कम करने की सलाह दी.
यह चिंता रही है कि फलों में भी शर्करा होती है. हालांकि, अधिकांश फलों में सफेद या गेहूं की ब्रेड जैसे अन्य कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों की तुलना में कम से मध्यम GI होता है.
प्रसिद्ध सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का कहना है कि “जब स्थानीय, मौसमी फलों की बात आती है, तो सच्चाई हमेशा कैलोरी, चीनी और वजन बढ़ने के डर से परे होती है.”वह बेहतर पोषक तत्वों के लिए “ग्रीन टी, ओट्स, गोलियों” के बजाय एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और साथ ही विटामिन सी से भरपूर आमों की भी सलाह देती हैं.
लेकिन क्या यही बात डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित व्यक्ति पर भी लागू की जा सकती है? आम मिथक के विपरीत, आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) नहीं होता है.रुजुता के अनुसार, “आम न केवल मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण वास्तव में, मधुमेह वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद होते हैं. ये फाइटोन्यूट्रिएंट्स, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं.”
यहाँ भोजन की मात्रा सबसे महत्वपूर्ण हो सकती है.
मैयो क्लिनिक की डॉक्टर मारिया रेजिना कास्त्रो ने हाल ही में एक शोध में बताया कि भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा खून में शुगर के स्तर (Blood sugar level) को ज्यादा प्रभावित करती है, बजाय इसके कि “कार्बोहाइड्रेट किस चीज़ से बना है या वो स्टार्च है या चीनी.”उन्होंने कहा, “जब आप ये फैसला कर रहे हैं कि कौन सा फल खाना है, तो ध्यान रखें कि फलों के एक सेवार में 15 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट नहीं होने चाहिए. तो फल की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि उसमें कितने कार्बोहाइड्रेट हैं.”
डायबिटीज़ (Diabetes) यूके बताता है कि आम तौर पर एक फल, जो ब्रेड के एक स्लाइस के बराबर होता है, उसमें लगभग 15-20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं. वहीं दूसरी ओर, एक कैन कोला में 35 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है और चॉकलेट केक के एक मीडियम स्लाइस में 35 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है.
इसके अलावा, जहां कोला और फलों के रस जैसे चीनी युक्त पेय पदार्थ खून में शुगर (Blood sugar) का स्तर तेजी से बढ़ा सकते हैं, वहीं ज्यादा कॉफी या चाय पीना हानिकारक नहीं हो सकता है.
हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के हालिया अध्ययन में पाया गया कि ज्यादा कॉफी, चाय या सादा पानी पीने से टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में किसी भी कारण से अकाल मृत्यु का खतरा लगभग 25 प्रतिशत कम हो सकता है.
लेकिन, BMJ में प्रकाशित इस अध्ययन में डायबिटीज रोगियों को फीज़ी ड्रिंक्स, केक, बिस्कुट, चॉकलेट और अन्य स्नैक्स का सेवन कम करने के लिए कहा गया है. साथ ही साथ स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों, खासकर उनका सेवन कम करने के लिए भी कहा गया है जो बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड होते हैं और जिनमें अतिरिक्त फैट, चीनी और नमक होता है.
इसी के साथ, स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट का सेवन, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, जैसे बीन्स और मटर, और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, जैसे दूध और पनीर, का सेवन करते समय भोजन की मात्रा का ध्यान रखा जाए, तो इससे मधुमेह (Diabetes) को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है.
अध्ययन बताते हैं कि सिर्फ खाने पीने का ध्यान रखने के अलावा, डायबिटीज (Diabetes)से लड़ने के लिए एरोबिक व्यायाम और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ-साथ तंबाकू और शराब से परहेज और दवाइयां भी जरूरी हैं.
अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन ओपन में प्रकाशित हालिया एक अध्ययन से पता चलता है कि एरोबिक व्यायाम, जिसमें साइकिल चलाना, तैराकी और पैदल चलना शामिल है, और डंबल, रेजिस्टेंस बैंड या बॉडी वेट व्यायाम जैसे रेजिस्टेंस व्यायाम, इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, जो टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है.
कनाडा में अल्बर्टा विश्वविद्यालय के एक अन्य शोध में बताया गया है कि खान-पान और व्यायाम का मिलाजुला तरीका भले ही मधुमेह (Diabetes) को पूरी तरह खत्म न कर सके, लेकिन यह बीमारी को ठीक होने की अवस्था (रीमिशन) में ला सकता है.
(आईएएनएस)
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