निगम के फर्जी बिल कांड जैसा एक और घोटाला सामने आया है। शिवशक्ति नगर (वार्ड 79) में जिस बगीचे के जीर्णोद्धार का काम सोमवार को भी चल रहा था। इसका पे-ऑर्डर नवंबर में हो चुका है। मे. सरकार अर्थमूवर्स ने बिना काम किए 5 महीने पहले ही बिल लगा दिए। जोन-14 के दरोगा, इंजीनियर और जेडओ ने इन्हें ‘ओके’ भी कर दिया। 12.84 लाख का बिल फरवरी में ही लेखा शाखा तक पहुंच गया था। निगम के खाते में रुपए होते तो यह राशि भी ठेकेदार को बिना काम के मिल जाती।
मजदूर बोले- दो दिन पहले बुलाया
मजदूर ने बताया, दो दिन पहले हमें बुलाया है। नई बाउंड्रीवाल बनाना है। ठेकेदार राम अवतार ने कहा, मुझे महेश भैया ने भेजा है। निगम ने किसे ठेका दिया है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
ऑडिट शाखा में बिल पहुंचा कैसे?
बिल ऑडिट शाखा में तब जाता है जब काम पूरा हो जाए। इस मामले में काम अब किया जा रहा है। फिर उद्यान विभाग के अधीक्षण यंत्री ने बिल कैसे पास कर दिया? वर्ष 2022 में जनप्रतिनिधि भी आ गए थे। ऑडिट से भी दिसंबर में बिल पास हो गया।
काॅन्ट्रैक्टर को कहा था कि बगीचा ठीक कर दें तो वह बाउंड्रीवाल बना रहा है।
- लक्ष्मी वर्मा, पार्षद
काम तो मैं पहले ही कर चुका हूं। स्वच्छ भारत अभियान में 2021-22 में मंजूरी मिली थी। पार्षद, विधायक के कहने पर खुद के खर्च पर काम करवा रहा हूं।
- दिनेश वर्मा, काॅन्ट्रैक्टर
काम पूरा किए बिना भुगतान नहीं हो सकता। जांच करवाएंगे।
जितेंद्र जमींदार, उद्यान शाखा प्रभारी
0 टिप्पणियाँ