इंदौर के लोगों को उनकी संपत्ति का वास्तविक मालिकाना हक दिलाने के लिए नोटरी वाली संपत्तियों की रजिस्ट्री अभियान शुरू किया गया है। यह अभी पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में है, जिसमें अवैध से वैध हो चुकी कॉलोनियाों को लिया जाएगा। शुरू में शीतल नगर और मालवीय नगर से शुरुआत की जा रही है। अच्छे नतीजे मिलने के बाद फिर दो अन्य कॉलोनियों को पायलेट प्रोजेक्ट में लिया जाएगा।
कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक ऐसी अवैध कॉलोनियां जिन्हें राज्य शासन के निर्देशानुसार वैध किया गया है, वहां के रहवासियों की संपत्ति की रजिस्ट्री कराई जाएगी। इसमें वार्ड 30 के मालवीय नगर और वार्ड 31 के शीतल नगर को लिया गया है। इसके तहत कई सालों से अविवादित संपत्ति की नोटरी के माध्यम से मालिक बने लोगों को लाभ मिलेगा। इसमें अब नगर पालिका की संपत्ति कर रसीद और असेस्मेंट के आधार पर रजिस्ट्रार कार्यालय में अपने दस्तावेज का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। ऐसे भूस्वामी जिनके पास मालिकाना हक की पुरानी नोटरी है, वे उसके आधार पर आगे के दस्तावेज जैसे दान, विक्रय, सहस्वामी आदि दस्तावेज रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर्ड करा सकेंगे।
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