इंदौर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी शंकर लालवानी ने 10 लाख से भी ज्यादा वोटों से विजय प्राप्त कर देश में जीत का रिकॉर्ड बनाया है। शंकर लालवानी के साथ इंदौर में नोटा ने भी देश में नया रिकार्ड बनाया है। इंदौर में नोटा को 2 लाख 18 हजार 674 से ज्यादा वोट मिले है। खास बात यह है कि इंदौर के लगभग 89 बूथों पर नोटा को शंकर लालवानी से ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं।
सवाल : इस जीत को आप किस तरह से देखते हैं?
लालवानी : यह जीत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास की, संगठन के मार्गदर्शन, कार्यकर्ताओं की मेहनत और इंदौर की जनता के दिए आशीर्वाद की यह जीत है। यह इंदौर की ऐतिहासिक जीत है।
सवाल: कांग्रेस का पर्चा वापस करवा जीत का मजा किरकिरा तो नहीं हो गया ?
लालवानी : वह पार्टी का फैसला था, जैसा संगठन ने तय किया वैसे ही चुनाव लड़ा।
सवाल : चुनौती नहीं थी तो किस बात ने लड़ने को प्रेरित किया ?
लालवानी : उद्देश्य एक ही था कि जनता के बीच जाकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए कार्यों को पहुंचाना और उनसे आशीर्वाद लेना। सुबह 9 से लेकर रात 11-12 बजे तक जनसंपर्क किया। अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ बैठकें की। समाजों तक पहुंचे, कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की। पांचों मोर्चे के पदाधिकारियों से बैठक की। 85 हजार कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क किया।
सवाल : दो लाख से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं?
लालवानी : कांग्रेस ने इस चुनाव में नकारात्मक भूमिका अदा की। कांग्रेस ने इस बार जिस नोटा का प्रचार किया है, उसे पिछली बार के कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले आधे वोट भी नहीं मिले हैं। वोटिंग लगभग पिछले बार के बराबर ही हुई थी। जिस प्रकार से बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा है वह यह दर्शाता है कि इंदौर की जनता नरेंद्र मोदी के साथ है।
सवाल : पहले कार्यकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि किसे मानते हैं?
लालवानी : कोविड के कारण दो साल तो कुछ हो ही नहीं पाया और शुरू के छह महीने समझने में निकल गए। ढाई साल का ही वक्त मिला, फिर भी 5500 करोड़ के काम सड़क के चल रहे हैं। चार हजार करोड़ रुपए से देश का दूसरा सबसे बड़ा आउटर रिंग रोड बन रहा है। रेलवे को आजादी के बाद पहली बार इतना बजट मिला। हवाई सेवाएं बेहतर हुई हैं। लॉजिस्टिक हब बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। दो नए आईटी पार्क का काम शुरू हुआ है। एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ी हैं। स्किल सेंटर शुरू हुआ है। सेंट्रल की लैब आई है। अमृत सरोवर में 75 तालाब बनाए हैं।
सवाल : 5 वर्षों में क्या छूट गया, जो पूरा करना चाहेंगे? लालवानी : ट्रैफिक पर उतना काम नहीं कर पाए। ट्रैफिक के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रहे हैं, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाना होगा। वाहनों की संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो सड़क कितनी भी चौड़ी कर दें, समस्या हल नहीं होगी। लोगों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना होगा।
सवाल : आने वाले 5 साल के लिए क्या एजेंडा रहेगा? लालवानी : ट्रैफिक सुधार प्राथमिकता में है। मोबिलिटी प्लान बनाया गया है, जिसमें शहर को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जोड़ने जितनी बसें लगेंगी, उसका इंतजाम करेंगे। पार्किंग पर काम करेंगे। आने वाले 10 साल की जरूरतों को देखते हुए पेयजल पर काम करने की जरूरत है। नर्मदा के चौथे चरण पर काम शुरू कर दिया है। सिंहस्थ की तैयारियां करना होंगी। उज्जैन में सिंहस्थ का सारा लोड इंदौर पर ही होगा। हरियाली प्राथमिकता रहेगी। सुपर स्पेशलिटी में सुविधाएं बढ़ाएंगे। आपात सेवाओं खासकर फायर सेफ्टी पर काम करेंगे।
सवाल : अंडरग्राउंउ मेट्रो पर पेंच है, केबल कार का क्या करेंगे ?
लालवानी : केबल कार के लिए सर्वे कर रहे हैं। आईडीए को सर्वे कर रिपोर्ट भेजना है। वाराणसी में केबल कार पर काम शुरू हो गया है। सिंहस्थ के दौरान इंदौर-उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाएंगे। शटल की तरह दोनों शहरों के बीच तेज गति की रेल सेवा रहेगी। मेट्रो पर भी बात चल रही है।
सवाल : कमिश्नरी के बाद भी कानून-व्यवस्था सवालों के घेरे में है ?
लालवानी : हमने नाइट वर्किंग शुरू की थी, नाइट कल्चर नहीं। आईटी के क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है, इसलिए नाइट वर्किंग जरूरी है, लेकिन देर रात तक पब चलना इसका हिस्सा नहीं है। इसे सख्ती से रोकना पड़ेगा। नशाखोरी पर अंकुश लगाएंगे।
सवाल : मास्टर प्लान पर कई सवाल हैं, बेस प्लान तक नहीं आया ?
लालवानी : इस पर तेजी से काम चल रहा है। इंदौर उत्थान समिति ने भी कई पाइंट्स दिए हैं। मंत्री व सीएम से भी उनकी इन पर बात हुई है। एमआर-सड़कों में सिर्फ दो सड़क मिसिंग हैं, बाकी पर काम कर रहे हैं। शहर के भीतर की कनेक्टिविटी को बेहतर करेंगे। मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी की घोषणा तो सरकार कर ही चुकी है। इंदौर, उज्जैन, देवास, पीथमपुर आदि को जोड़कर समग्र विकास योजना बनाना जरूरी है।
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