लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी जन्म समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को खेल प्रशाल में हुआ। इस मौके पर मुख्य वक्ता पद्मश्री निवेदिता भिड़े ने कहा लोकमाता का जीवन सार्थकता से परिपूर्ण था। इसका पता उनके इस लेखन से चलता है जिसमें उन्होंने खुद अंकित किया था कि मेरे प्रत्येक राजकीय कृत्य का उत्तर मुझे परमात्मा को देना है। वे न्याय व निर्णय इस प्रकार से करती थीं कि दोनों पक्ष उससे सहमत हो जाते थे।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा अब पूरा देश अहिल्या माता की पुण्याई को जानेगा। भारत की सभी प्रमुख भाषाओं में लोकमाता के साहित्य का प्रकाशन किया जाएगा। आयोजन समिति की सचिव माला ठाकुर ने कहा देवी अहिल्या का जन्म समारोह सालभर तक पूरे देश में मनाया जाएगा।
भानपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी, महामंडलेश्वर किरणदासबापू, महामंडलेश्वर कृष्णवदन, राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, मंत्री तुलसी सिलावट और कैलाश विजयवर्गीय, संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, राष्ट्र सेविका समिति की संचालिका शांता अक्का मौजूद थे।
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