माँ तुझे सलाम... के आखिरी प्रोग्राम के साथ उनके निधन पर सभी की आँखे नम हो गई....
इन्दौर। वीर जी के नाम से ख्याति प्राप्त बलवीर सिंह छाबड़ा वर्षों से राष्ट्र का प्रतिक तिरंगे झण्डे को साथ लेकर 15 अगस्त, 26 जनवरी और अन्य राष्ट्र त्यौहारों पर शहर के चौराहों पर देश भक्ति का जजबा जगाने वाला व हँसी का लाफ्टर किंग वीर जी का आज एक कार्यक्रम में राष्ट्र के प्रतिक तिरंगे झण्डे को साथ लेकर माँ. तुझे सलाम... गीत पर अपनी प्रस्तुति देते हुए आम लोगों के बीच से मंच पर पहुंचकर झण्डे को संभालते-संभालते खुद को ना संभाल पाए और मंच पर ही अपने प्राणों को त्याग दिया। ऐसे बलवीर सिंह छाबड़ा वीरजी ने आज हम सबको बिलखता हुआ छोड़ दिया। मैं वहीं मौजूद था, जब यह खबर शहरभर में पहुंची तो उनके परिजनों ने उनके पार्थिव शरीर को रिजनल पार्क स्थित मुक्ति धाम पर अंतिम संस्कार किया।
समाजसेवी मदन परमालिया ने बताया कि विरलयी ऐसे जाबांज देश सेवक होते हैं जो अपनी पहचान को अलग ही बनाए रखने में सबकी खुशियों में शामिल होते हैं.... ऐसे थे वीरजी...। अंतिम संस्कार के पश्चात् गुरूग्रंथ साहब की चौपाइयों का वाचन हुआ और सभी ने परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की कि एक बार फिर वीरजी जैसा इस माटी पर जन्म ले, जिससे जो हँसी मिटी है वह पुन: मालवा की माटी में फूलों की तरह खिले।
कार्यक्रम फूटी कोठी के पास में श्री अग्रसेन धाम सभागृह में आयोजित था, जिसमें यह हादसा हुआ। बलवीर सिंह छाबड़ा को अनेक संस्थानों ने सम्मानित किया और उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उन्हें नेताजी सुभाष मंच द्वारा नेताजी सुभाष अलंकरण 23 जनवरी को सम्मानित कर नवाजा गया था।
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