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शहर में इस तरह का 8वां बड़ा मामला:फिर डिजिटल अरेस्ट; अब बैंक के रिटायर्ड अफसर को ईडी का वारंट दिखा 40 लाख ठगे

 


2 दिन तक लगातार डराया, मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धौंस मिली तो आ गए झांसे में

शहर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार बैंक के रिटायर्ड अफसर को ईडी का वारंट दिखाकर करीब 40 लाख रुपए ठग लिए हैं। इस तरह से धोखाधड़ी का शहर में यह 8वां बड़ा मामला है। बदमाशों ने वारंट के नाम पर इतना धमकाया कि रिटायर्ड अफसर कुछ समझ नहीं सके और 2 दिन तक अकेले ही कमरे में डिजिटली अरेस्ट रहे। जैसा बदमाश कहते रहे, वैसा करते गए। बदमाशों ने 39.60 लाख रुपए पर हाथ साफ किया है। फोन करके कहा- आपके खाते से 8.20 करोड़ रुपए का अ‌वैध ट्रांजेक्शन हुआ

क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया, घटना महालक्ष्मी नगर की सनसिटी कॉलोनी में रहने वाले 61 वर्षीय राकेश गोयल के साथ हुई। वे एसबीआई से रिटायर्ड अधिकारी हैं। गोयल ने पुलिस को बताया कि 11 जुलाई को सुबह साढ़े 10 बजे अनजान नंबर से उन्हें फोन आया। फोन करने वाले ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का अधिकारी बनकर बात की और कहा कि तुम्हारे नाम का ईडी ने वारंट जारी किया है। तुम एक मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े केस में फंसे हो। इसमें तुम्हारे बैंक खाते इस्तेमाल हुए हैं, जिसमें 8 करोड़ 20 लाख की राशि का अवैधानिक रूप से कई बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुआ है।

  1. 11 जुलाई को महालक्ष्मी नगर की सनसिटी कॉलोनी की घटना
  2. 10.30 बजे सुबह अनजान नंबर से आया था फोन

वीडियो कॉल पर दिखा दिया फर्जी वारंट, गिरफ्तारी का डर बताया
गोयल ने बताया कि आरोपियों को उन्होंने ऐसे किसी खाते के ट्रांजेक्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं होना और ऐसा नहीं करना बताया तो बदमाशों ने एक अफसर की तरह धमकाते हुए उन्हें वीडियो कॉल कर उनके नाम का वारंट भी दिखाया। वारंट देखने के बाद गोयल को वह सही लगा और वे झांसे में आ गए। बदमाशों ने गोयल से कहा कि जिन बैंक खातों से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है, उनमें आपके आईडी इस्तेमाल हुए हैं। फिर धमकाया कि घर-परिवार में भी किसी को कुछ बताया तो गिरफ्तार कर लेंगे।

खातों के वैरिफिकेशन के नाम पर 2 किस्त में डलवा लिए रुपए
गोयल के मुताबिक वारंट देखकर और बदमाशों की अफसर जैसी बॉडी लैंग्वेज से उन्हें लगा कि वे किसी बड़े केस में फंस रहे हैं। इस पर बदमाशों ने उन्हें केस से बचने के लिए कुछ तरीके समझाए। इसमें कहा कि आपके जिन खातों से रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है, उनका वैरिफिकेशन हम करेंगे। इसके लिए आप हमें आपके खाते में जो भी रुपया है, वह हमारे शासकीय खातों में ट्रांसफर करें। वैरिफिकेशन के बाद ये रुपए आपको रिटर्न कर देंगे।

इसके बाद पहले 21 लाख, फिर 18 लाख 60 हजार का ट्रांजेक्शन कुछ खातों में करवाया, लेकिन ये रुपए रिटर्न नहीं किए। एक दिन तो यह कहकर भी डराया कि आपसे जुड़े एक व्यक्ति को हमारी टीम पकड़ चुकी है। उसे आपके आईडी वाले बैंक खातों से 12 लाख रुपए भेजे गए हैं। इस सबूत पर आपका वारंट जारी किया है।

कोई भी जांच एजेंसी मोबाइल पर कार्रवाई नहीं करती
किसी भी जांच एजेंसी के अधिकारी मोबाइल पर कोई कार्रवाई नहीं करते। ये ठगों का तरीका है, जिसमें वे पुलिस, क्राइम ब्रांच, ईडी, सीबीआई अधिकारी बनकर डराते हैं। ऐसे फोन कॉल से सावधान रहें। - राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच

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