यूपी और उत्तराखंड की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी खाद्य सामग्रियों की दुकानों पर असल मालिक का नाम लिखने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। प्रदेश के दो वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। इंदौर की बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ ने इस मांग के समर्थन में सनसनीखेज खुलासा किया। इस बीच उज्जैन में खानपान की दुकानों के मालिकों के नाम लिखने का आदेश जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में खाद्य सामग्री की दुकानों के असल मालिक का नाम लिखने का आदेश दिया है। एमपी में भी यह कदम उठाने की इंदौर की बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ ने मांग की है। उन्होंने कहा कि
उज्जैन में महाकाल मंदिर के सामने नाम बदलकर भोजनालय चलाए जा रहे हैं।
उज्जैन में महाकाल मंदिर के सामने नाम बदलकर भोजनालय चलाए जा रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में इंदौर विधानसभा क्रमांक 4 से विधायक मालिनी गौड़ ने सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अन्य मजहबों के लोग हिंदू देवी देवताओं या संतो आदि के नाम पर दुकानों का नाम रख रहे हैं। कई बार देखने में आया कि कुछ लोग खाद्य सामग्रियों पर थूककर उन्हें बेचते हैं। ऐसे दुकानदारों से बचने की जरूरत है।
विधायक मालिनी गौड़ ने साफ कहा कि दुकानदार के नाम की पहचान जरूरी है। दुकान मालिक का नाम लिखा होने से अप्रिय स्थिति नहीं बनेगी।बीजेपी विधायक ने उज्जैन में महाकाल मंदिर के आसपास बने भोजनालयों और खानपान की दुकानों की गहराई से जांच की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि इन भोजनालयों में कुछ लोग नाम बदलकर खाना खिला रहे हैं। विधायक मालिनी गौड़ ने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं, संत—महात्माओं के नामों का दुरुपयोग तो किया ही जा रहा है, साथ ही ऐसे में खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा भी बढ़ रहा है।
विधायक मालिनी गौड़ ने नाम बदलकर लव जिहाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘मैं बेटियों से निवेदन करती हूं कि ऐसे लोगों से सतर्क रहें, उनके जाल में नहीं फंसें।
इस बीच, एमपी में बीजेपी विधायकों के पत्र के बाद उज्जैन में दुकानदारों के लिए नाम बताना अनिवार्य कर दिया गया है। उज्जैन प्रशासन ने खानपान की दुकानों पर मालिकों के नाम की तख्ती लगाने का आदेश दिया है। तख्ती नहीं लगानेवाले दुकानों को जुर्माना भरना पड़ेगा।
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