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कोर्ट से जीते पर विभागीय नियमों में उलझे:इंदौर सहित प्रदेश के चारों महानगरों में अब वरिष्ठ जिला पंजीयक का पद समाप्त

इंदौर रजिस्ट्रार कार्यालय में एक ही बैच के दो अधिकारियों के बीच उठा वरिष्ठता का विवाद इतना बढ़ गया कि वाणिज्यिक कर विभाग ने अब इंदौर सहित चारों महानगरों में वरिष्ठ जिला पंजीयक का पद ही खत्म कर दिया है। अब जिस पंजीयक या वरिष्ठ जिला पंजीयक को जो क्षेत्र मिला है, वहां के अधिकार उसके पास होंगे। विभाग से मिलने वाले आदेश, गाइड लाइन बनाने या लागू करने के लिए जरूर वह पंजीयक अधिकृत होगा, जो अन्य पंजीयकों से वरिष्ठता में आगे है।

वाणिज्यिक कर विभाग की उप सचिव वंदना शर्मा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक इंदौर में अब दो वरिष्ठ जिला पंजीयक और दो पंजीयक हैं, लेकिन सभी को अपने-अपने क्षेत्र ही संभालना है। दरअसल, इंदौर में पदस्थ वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा और डॉ. अमरेश नायडू के बीच लंबे समय से क्षेत्राधिकार को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही थी। शर्मा ने इस मामले में हाई कोर्ट की शरण ली और हाई कोर्ट ने आदेश किए कि विभाग इस पर पुनर्विचार करे। इस पर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर ने इंदौर के अलावा भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के लिए भी वरिष्ठता का क्रम क्षेत्र के हिसाब से बांट दिया। इसके आदेश भी जारी कर दिए। पूरे मामले में इंदौर में अब शर्मा के पास जैसा चार्ज पहले था, वही फिर से रह गया है। नायडू की वरिष्ठता के कारण उन्हें फिर वे विशेषाधिकार अधिकृत तौर पर मिल गए हैं।

आदेश में यह भी लिखा प्रमुख सचिव ने

पंजीयकों के क्षेत्राधिकार, पदस्थापना में संशोधन राज्य शासन द्वारा किया जा सकेगा। गाइड लाइन का निर्माण अब जो पंजीयक है, उनमें वरिष्ठ जिला पंजीयकों में जो वरिष्ठ होगा, वह अधिकृत या उत्तरदायी होगा। वित्तीय शक्तियों की पुस्तक 2012 के मुताबिक जिले में पदस्थ सभी जिला पंजीयकों, वरिष्ठ जिला पंजीयकों में जो वरिष्ठ होगा, वह कार्यालय प्रमुख घोषित किया जाता है। जो वरिष्ठ होगा वह सेवा पुस्तिका का संधारण, विभागीय अधिकारियों से अपेक्षित जिला स्तर पर समन्वय व अन्य काम करेगा। जो अन्य जिले के प्रभारी होंगे वे राज्य लोक सूचना अधिकारी के लिए उत्तरदायी होंगे।

वरिष्ठ उप पंजीयक-उप पंजीयक एवं कर्मचारियों के मध्य प्रशासनिक कार्यों, कार्य विभाजन व अवकाश स्वीकृति के लिए उनके अधीक्षण व नियंत्रण भी संबंधित पंजीयक के अधीन होगा। उस क्षेत्र के पंजीयक, वरिष्ठ उप पंजीयक अपने अधीन उप पंजीयकों का निरीक्षण और ऑडिट कर सकेंगे।

पहले यह थी व्यवस्था

  • इंदौर में एक वरिष्ठ जिला पंजीयक, तीन जिला पंजीयक
  • भोपाल में एक वरिष्ठ जिला पंजीयक, दो जिला पंजीयक
  • जबलपुर में एक वरिष्ठ जिला पंजीयक, एक जिला पंजीयक
  • ग्वालियर में एक वरिष्ठ जिला पंजीयक, एक जिला पंजीयक

अब यह स्ट्रक्चर होगा बड़े महानगरों में

  • इंदौर में वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा- इंदौर 1, वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू - इंदौर-2, जिला पंजीयक समरथमल राठौर- इंदौर 3, सांवेर, जिला पंजीयक चक्रपाणि मिश्रा- इंदौर 4, देपालपुर व महू देखेंगे।
  • भोपाल में वरिष्ठ जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा, भोपाल-2 और बैरसिया, मुकेश श्रीवास्तव भोपाल-3, आरके गुप्ता भोपाल 1 का काम देखेंगे।
  • जबलपुर में वरिष्ठ जिला पंजीयक पवनकुमार अहिरवार जबलपुर-1, पाटन व सीहोरा तो र|ेश भदौरिया जबलपुर-2 का काम देखेंगे।
  • ग्वालियर में वरिष्ठ जिला पंजीयक दिनेश कुमार गौतम अब ग्वालियर-1, डबरा और भितरवार तो जिला पंजीयक अशोक शर्मा ग्वालियर-2 का काम देखेंगे।

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