Header Ads Widget

Responsive Advertisement

अब स्मार्ट पीडीएस... एआई से अपात्रों की होगी पहचान:गोदाम से लेकर राशन दुकानों तक होगी अनाज की मॉनिटरिंग


फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
फाइल फोटो

मप्र सरकार 8.35 करोड़ की लागत से जल्द स्मार्ट पीडीएस योजना लागू करेगी। इस योजना के पूरा होने पर मप्र के राशन कार्ड धारी देश के किसी भी हिस्से में राशन ले सकेंगे। केंद्र इसके लिए पहले ही वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की घोषणा कर चुकी है। गोदाम में रखे अनाज से लेकर राशन दुकान पर रखे स्टॉक तक का केंद्र रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर सकेगा।

मोहन कैबिनेट ने गुरुवार को स्मार्ट पीडीएस स्कीम को सहमति दे दी है। इसमें हितग्राहियों का डाटा क्लाउड सर्वर में सुरक्षित होगा। लगभग 2 करोड़ क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा। स्टाफ की ट्रेनिंग और अन्य सुविधाएं विकसित करने में 4.50 करोड़ से अधिक का बजट खर्च होगा वही 1.70 करोड़ से कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनेगा।

नए सिस्टम से ये फायदा

  • पात्र लोगों तक राशन पहुंचाना आसान होगा। केंद्र के पास पीडीएस का सटीक और वास्तविक डेटा भी पहुंच सकेगा।
  • एआई का प्रयोग करके अपात्र लोगों को योजना से हटा दिया जाएगा।
  • उपार्जन से लेकर हितग्राहियों को राशन मिलने तक ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी।
  • एक नेशनल डेशबोर्ड बनेगा, जिसमें हर राज्य की जानकारी लगातार अपडेट होगी। केंद्र इसकी सहायता से मॉनिटरिंग कर देख सकेगा कि प्रदेश में कहां राशन पहुंचा, कहां दिक्कत आई आदि।

अभी ऑनलाइन मॉनिटरिंग नहीं, अपात्र ले लेते हैं राशन

वर्तमान में पीडीएस व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। अपात्र हितग्राहियों के बीच नाम जुड़वा लेते हैं। कई बार राशन दुकानों से स्टॉक गायब कर दिया जाता है। गोडाउन में रखा स्टॉक सड़-गल जाता है। ऐसे मामले सामने आते हैं जब धान मिलर्स को दिया गया और उन लोगों ने अच्छा चावल बदलकर घटिया चावल गोदामों में जमा करा दिया।

कई बार गोदामों में रखा अनाज हटाकर खराब अनाज रख दिया जाता है। हाल ही में मॉनिटरिंग के अभाव में सतना में गेहूं की फर्जी खरीद दिखाकर 13 ट्रक गेहूं का परिवहन दिखा दिया था। इसके अलावा निगरानी के अभाव में सड़ा-गला अनाज राशन दुकानों में जमा कर दिया जाता है। वर्तमान में डाटा रिकवर करने और साइबर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर पुराना है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ