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इंदौर में नाइट कल्चर पर CM ने लगाई पाबंदी:दो साल पुराना आदेश निरस्त, रात 11 बजे बीआरटीएस से लगी दुकानें-होटलें बंद

 

इंदौर में नाइट कल्चर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर संभाग के मंत्रियों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की।

बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ड्रग के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोक लगाने, इंदौर में नाइट कल्चर और व्यवसायिक संस्थानों के संचालन का विषय रखा था। इस पर मुख्यमंत्री निर्देश दिए कि रात्रिकालीन बाजार, औद्योगिक संस्थान, कार्यालय संचालन आदि के संबंध में जल्द विस्तृत कार्ययोजना बनाकर नई व्यवस्था लागू की जाएगी।

नशे पर भी प्रभावी रूप से रोक लगाई जाएगी। इसके बाद शुक्रवार रात 10.30 बजे से ही बीआरटीएस से लगी होटलों, ठिकानों, संस्थाओं पर इसका असर दिखा। पुलिस की गाडियां सायरन बजाते हुए निकली तो दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दी। रात 11 बजे नाइट कल्चर खत्म होने का असर स्पष्ट नजर आया। निरंजनपुर से भंवरकुआ तक बीआरटीएस के दोनों हिस्सों में दुकानें बंद होने के साथ सन्नाटा नजर आया।

एलआईजी चौराहा पर रात 11 बजे ऐसा था नजारा
एलआईजी चौराहा पर रात 11 बजे ऐसा था नजारा

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने सितम्बर 2022 में इस संबंधी में जारी किया आदेश निरस्त कर दिया। इसमें निरंजनपुर चौराहा से राजीव गांधी चौराहा तक, बीआरटीएस में विभिन्न व्यवसायिक, औद्योगिक, कार्यालय आदि संस्थानों के लिए 24 घंटे संचालन की अनुमति दी गई थी।

दरअसल सांसद शंकर लालवानी की पहल पर 13 सितम्बर 2022 को नाइट वर्क कल्चर की शुरुआत की गई थी। इसके बाद रात को गुण्डागर्दी, छेड़छाड़, मारपीट, नशे का सेवन जैसी घटनाएं काफी बढ़ी। हत्याएं भी हुई और महिला अपराध भी हुए। इसे लेकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री उषा ठाकुर, कई जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध जनों ने भी विरोध शुरू कर दिया था।

मंत्री विजयवर्गीय ने कई बार रात्रिकालीन सराफा बाजार की शालीनता की तारीफ की थी। साथ ही रात को युवतियों के पहनावे पर भी कई सवाल उठाए थे। नशे को लेकर उन्होंने विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने घोषणा की थी वे पूरे शहर में नशे पर शिकंजा कसेंगे।

पूर्व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर इंदौर में पब और नाइट कल्चर पर ऐतराज जता चुकी थी। उन्होंने इसे इंदौर की संस्कृति पर धब्बा बताया था। उन्होंने कहा था कि नाइट कल्चर भारतीय संस्कृति का हिस्सा हो ही नहीं सकता है। रात्रि तो निशाचरों के लिए और निशाचर प्रवृत्ति के लोगों के लिए है। नाइट कल्चर मां अहिल्या की पावन नगरी के भाई-बहन नहीं स्वीकार करेंगे। उनके पास भी काफी शिकायतें थी। आ रही हैं।

2022 में जारी हुआ था नाइट कल्चर लागू करने का आदेश
इंदौर में नाइट कल्चर लागू करने संबंधी आदेश 13 सितम्बर 2022 को जारी हुआ था। इसमें म.प्र. दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144, म.प्र. दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958, म.प्र. श्रम विधियां (संशोधन) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 2015 संशोधित कारखाना अधिनियम 1948 तथा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत इन्दौर शहर में निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे तक 11.45 किलोमीटर, बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर में विभिन्न व्यवसायिक/औद्योगिक/कार्यालय आदि संस्थानों को 24x7 अर्थात रात्रिकालीन सेवाओं (24 घण्टे) संचालन की अनुमति दी गई थी।

विजयवर्गीय बोले- सीएम का हृदय से अभिनंदन

हमारे लिए नागरिकों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता पर है। हम सुशासन के पक्षधर हैं। इंदौर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और शांति का टापू है। हमारी मांग पर मुख्यमंत्री जी ने रात्रिकालीन सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं, इसके लिए उनका हृदय से अभिनंदन करता हूं।
-कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री, नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य विभाग

नाइट वर्क कल्चर का यह था फंडा

नाइट वर्क कल्चर शुरू करने का खास मकसद यह था कि इंदौर में आईटी क्षेत्र के हजारों प्रोफेशनल्स विदेशों की कंपनियों से जुड़े हैं। वे यहां से ऑन लाइन काम करते हैं। ये विदेशी कंपनियां यहां ऑफिस खोलने का इसलिए रुख नहीं कर रही क्योंकि इंदौर में नाइट वर्क कल्चर नहीं है। दूसरी ओर सरकार द्वारा स्टार्टअप और आईटी सेक्टर्स को लगातार बढावा दिया जा रहा है। इस लिहाज से पहले फेस में बीआरटीएस के 12 किमी के हिस्से में शुरू किया गया था। इसमें दुकानें, ऑफिस, खान-पान की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी। साथ ही एआईसीटीएसएल ने इस हिस्से में रात को चार बसें शुरू की की।

ट्रांसपोर्ट, फूड सेक्टर्स से रोजगार की थी संभावना

यह भी माना गया था कि अन्य शहरों के लोग भी इसे लेकर इंदौर आना चाहते है। नाइट कल्चर शुरू होने के बाद वे भी इंदौर आएंगे। ट्रांसपोर्टेशन, फूड सहित कई सेक्टर्स की भी यहां जरूरत होगी। ऐसे में इन क्षेत्रों के लोगों को भी रोजगार मिलेगा साथ ही कई विदेशी कंपनियां के आने और उनसे रोजगार की संभावनाएं देखी जा रही थी। इसमें पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, बिजली कंपनी सहित कई विभागों की जवाबदेही और चुनौतियां भी बढ़ गई थी। यहां रात को भी सफाई होती थी। सफाई के लिए रात में भी कचरा गाड़ियां चली। नाइट कल्चर शुरू करने वाला इंदौर देश का पांचवा शहर था।

ऐसे बिगड़ता गया ढर्रा

- नाइट वर्क कल्चर में रात को पब, बार आदि 24 घंटे खुलने की अनुमति नहीं थी। आदेश की आड़ में ये भी देर रात तक संचालित होने लगे। ऐसे में रात को युवाओं का रुख इस ओर बढ़ा। इस दौरान वहां और सड़कों पर आए दिन विवाद होने लगे।

- 12 किमी के जिस हिस्से को अनुमति दी गई थी, उसके अलावा भी आसपास खान-पान के ठिए संचालित होने लगे।

- सबसे खास यह कि रात को नशे का सेवन काफी बढ़ गया। युवाओं को अलग-अलग माध्यम से नशा उपलब्ध होने लगा।

- नशे के साथ तेज रफ्तार वाहन चलाने से दुर्घटना भी बढ़ी। इसके साथ ही आपसी विवाद भी काफी बढ़े।

- एआईसीटीएसएल की रात्रिकालीन बस में गुंडागर्दी होने लगी। इस पर तीन बसें बंद कर दी गई थी जबकि चौथी बस को भी बंद करने की तैयारी थी।

- अहम यह कि इंदौर की गौरवशाली छवि धूमिल होने लगी।

अब आगे क्या....

आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होने से शुक्रवार रात 10.30 बजे से अब कसावट शुरू हो जाएगी। जिस बीआरटीएस के 12 किमी के हिस्से में अनुमति दी थी, वहां की दुकानें, ऑफिस, होटल, खान-पान की दुकानें सहित सभी 11 बजे तक बंद करना होगी। इसके लिए पुलिस की सख्ती रहेगी।

- शराब की दुकानें, पब, बार आदि स्थानों पर भी शिकंजा कसना होगा क्योंकि युवाओं का रुख अब उधर ज्यादा होगा।

- मुख्यमंत्री के आदेश के तहत जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्ध जनों और अधिकारियों को अगले प्लान पर काम करना होगा। इसमें रात्रिकालीन बाजार, औद्योगिक संस्थान, कार्यालय संचालन आदि के लिए संबंधित क्षेत्रों, समय, मॉनिटरिंग सहित कई बिंदुओं पर कार्ययोजना बनाने होगी। इसमें भी आपत्तियों और सुझावों पर मंथन करना होगा। इसके बाद ही नया आदेश जारी हो सकेगा।

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