Header Ads Widget

Responsive Advertisement

दिनचर्या में लाएं इन तरीक़ों से सुधार, साकारात्मक बदलाव से मिलेंगे ढेर सारे लाभ


  • जब किसी काम को व्यवस्थित रूप से किया जाता है, तो वह समय पर और सही तरीक़े से पूरा हो जाता है।
  • इसी तरह, हमें अपने दैनिक कार्यों को भी नियमित और व्यवस्थित ढंग से करना चाहिए, जो केवल दिनचर्या में बदलाव से ही संभव होगा।

दिनचर्या... हम इसके बारे में बहुत कुछ सुनते और पढ़ते हैं। स्टीव जॉब्स, अर्नेस्ट हेमिंग्वे, बेंजामिन फ्रैंकलिन जैसे सफल लोग आदर्श दिनचर्या के उदाहरण हैं, जो हमें प्रेरित भी करते हैं। लेकिन यह प्रेरणा अक्सर क्षणिक होती है और इससे न तो हमारी दिनचर्या में सुधार आता है और न ही आदतों में। हम सुबह कभी भी उठते हैं, समय के अनुसार काम करते हैं, और नाश्ता करना या न करना हमारी इच्छा पर निर्भर करता है। इस तरह, हमारी कोई ठोस दिनचर्या होती ही नहीं।

फिर भी, दिनचर्या बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल दिन को संरचना और उद्देश्य प्रदान करती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में भी मदद करती है। एक स्थिर दिनचर्या हमें अधिक केंद्रित, उत्पादक और संतुष्ट महसूस कराती है और रोज़ाना के तनाव और अनिश्चितता से निपटने में सहायक होती है।

शुरुआत जल्दी उठने से करें

अंग्रेज़ी शिक्षाविद रिचर्ड वॉटली के अनुसार, ‘अगर आप सुबह का एक घंटा खो देते हैं, तो पूरा दिन उसे ढूंढने में ही लग जाएगा।’ सुबह जल्दी उठने का मतलब है कि आप दिन की तैयारी कर सकते हैं, महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर ध्यान दे सकते हैं, या परिवार के साथ अधिक समय बिता सकते हैं। ये सभी गतिविधियां पूरे दिन के लिए आपको केंद्रित और प्रेरित बनाए रखती हैं। इसलिए, पहले सुबह उठने का एक निश्चित समय निर्धारित करें। यदि आपको सुबह 7 बजे उठना है, तो रोज़ इसी समय पर उठें। इसके लिए, आपको रात के सोने का समय भी तय करना होगा ताकि आप आठ घंटे की नींद पूरी कर सकें। जब आपकी दिनचर्या सही समय पर शुरू होगी, तो अन्य कामों के लिए समय निकालना भी आसान हो जाएगा।

यह करें... बिस्तर सुधारें और कमरे से बाहर निकलकर काम की शुरुआत करें।

सैर या व्यायाम करना ही है

तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप घर पर योग या व्यायाम कर रहे हैं, तो एक भी दिन इसे छोड़ना नहीं चाहिए। और अगर आप अभी तक व्यायाम नहीं करते हैं, तो इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना शुरू करें। अगर किसी दिन आप व्यायाम नहीं कर पाए, तो एक अच्छी सैर करें। जो लोग व्यायाम नहीं करना चाहते, उन्हें भी सैर को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

यह करें... जूते पहनें और सेहत बनाने के लिए निकल पड़ें।

खाने-पीने का संतुलन बनाएं

ख़ासतौर पर महिलाएं गर्म पानी/नींबू पानी पीने जैसी स्वास्थ्यवर्धक दिनचर्या को टालकर पहले सारे काम निपटा देना चाहती हैं। अगर इस के प्रति आपका मन रोज़ बदलता है, तो इससे आपकी दिनचर्या का संतुलन बिगड़ सकता है। इसी तरह, सुबह का नाश्ता भी महत्वपूर्ण है और इसे 9 बजे से पहले करना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है। साथ ही यह आपकी दिनचर्या को व्यवस्थित रखने में भी मदद करता है।

यह करें... बच्चों या अन्य सदस्य को ज़िम्मेदारी सौंपे कि वह आपके लिए पेय तैयार करे।

वो काम जो महत्वपूर्ण हैं

कुछ काम ऐसे होते हैं जिनके लिए आपको समय निकालना पड़ता है। मुख्य कार्यों की दिनचर्या के साथ, उन ज़रूरी कामों को भी शामिल करें, जैसे सुबह अख़बार या किताब के कुछ अंश पढ़ना, घर को व्यवस्थित करना, बाग़वानी, आदि। ऐसे कई कार्य हैं जिन्हें आप व्यवस्थित तरीक़े से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसमें मोबाइल चलाना, टीवी देखना जैसे काम शामिल न हों।

यह करें... मी-टाइम तय करें। उस समय मोबाइल दूसरे कमरे में रखें।

दिनचर्या से अनुशासन बनता है
दिनचर्या बनाने से एक अनुशासन स्थापित होता है, जो आपकी आदतों का हिस्सा बन जाता है। आपकी जैविक घड़ी भी इसी अनुशासन के अनुसार काम करने लगती है। यह अनुशासन आपके काम में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, विशेषकर जब आप ऑफिस में होते हैं। आप इसी अनुशासन के तहत अपने कार्यों को समय पर पूरा करते हैं। दिनचर्या के अनुसार छोटे-बड़े सभी कामों को समय पर समाप्त करने की आदत आप स्वाभाविक रूप से विकसित कर लेते हैं, जो भविष्य में आपकी सफलता में योगदान देती है।

यह करें... घर और ऑफिस के तीन-तीन ज़रूरी कामों की प्राथमिकता सूची रात में ही तैयार कर लें।

अगली पीढ़ी आपसे सीखती है

यदि आपकी दिनचर्या स्थिर और व्यवस्थित रहती है, तो यह आपके बच्चों पर भी प्रभाव डालती है। बच्चे अपने माता-पिता की आदतों को देखकर उन्हें अपनाते हैं। जब आप स्वयं एक अनुशासित और नियमित जीवन जीते हैं, तो यह न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, बल्कि आपके बच्चों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस तरह, आप केवल अपने लिए ही एक स्वस्थ जीवनशैली तैयार नहीं करते, बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी अनुशासन और व्यवस्थित जीवन जीने का संदेश देते हैं।

यह करें... कभी आलस या टालमटोली का मन हो तो बच्चों का चेहरा देखकर प्रेरित हों।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ