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- फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया को लेकर जागरूकता कम, इससे कम उम्र में हार्ट अटैक का जोखिम
कैथरीन विलेमन (39) को बागवानी करते हुए सीने में दर्द उठा। वे तत्काल अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने हार्ट अटैक की आशंका जताई। हालांकि अटेंडेंट को भरोसा नहीं था कि इतनी कम उम्र में कैथरीन को बुजुर्गों वाली समस्या कैसे हो सकती है। डॉक्टर्स की जांच में पता चला कि उन्हें फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (एफएच) है। यह जेनेटिक समस्या है।
इससे कैथरीन की धमनियां 70 साल के बुजुर्ग जैसी हो गईं, ब्लॉकेज भी थे। एफएच की पहचान मुुश्किल है, इसे लेकर जागरूकता भी कम है। इसलिए कैथरिन ने फैमिली हार्ट फाउंडेशन के जरिए मिशन शुरू किया। अब वे एफएच से परेशान लोगों को मदद दिलवा रही हैं। एफएच के जोखिम क्या हैं, किसको अलर्ट रहना जरूरी है, बता रहे हैं एक्सपर्ट...
परिवार में किसी को 55 से पहले हार्ट अटैक या 65 से पहले बायपास सर्जरी हुई है तो अलर्ट रहना जरूरी
किन्हें जोखिम ज्यादा : जॉन्स हॉपकिंस में एडंवास लिपिड डिसऑर्डर प्रोग्राम के डायरेक्टर डॉ. सेट मार्टिन कहते हैं, यह एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को साफ करने से जुड़ी समस्या है। अगर माता-पिता में से किसी एक को एफएच है, तो बच्चों को इसके होने की आशंका 50% रहती है। अगर दोनों को है तो ऐसे बच्चों को जोखिम ज्यादा है, उन्हें 20 के दशक में हार्ट अटैक झेलना पड़ सकता है।
जांच कब शुरू करें: टुलेन यूनिवर्सिटी में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. कीथ फर्डिनेंड कहते हैं,‘कोलेस्ट्रॉल टेस्ट साल में एक बार कराना जरूरी है। अगर बच्चे को एफएच होने का संदेह है तो डॉक्टर 2 से 6 साल की उम्र में भी टेस्ट करवा सकते हैं। डॉ. मार्टिन कहते हैं,‘स्टैटिन थेरेपी 8 साल की उम्र में शुरू होती है, हालांकि इससे पहले भी डॉक्टर नियमित मॉनिटरिंग करते हैं।
यह बात उन परिवारों के बच्चों पर भी लागू होती है, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में दिल से जुड़ी समस्याएं रही हैं। परिवार में किसी को 55 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक आया हो या स्टेंट की जरूरत पड़ी हो। या फिर पुरुषों में 65 की उम्र से पहले बायपास सर्जरी हुई, तो इसे संकेत मानें कि वजह जेनेटिक है। यानी जल्द टेस्ट जरूरी है। सामान्य तौर पर 21 साल की उम्र तक कोलेस्ट्रॉल टेस्ट शुरू कर देना चाहिए।
इलाज कैसे होगा: कोलेस्ट्रॉल की समस्या जेनेटिक है तो अच्छी जीवनशैली के बावजूद स्तर बढ़ा रह सकता है। केस वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजय राजगोपालन कहते हैं,‘कोलेस्ट्रॉल काफी हद तक घटाना संभव है। कई दवाएं कुछ ही दिनों में काम शुरू कर देती हैं। पहले की तुलना में एफएच को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं।
इलाज से उम्मीद: डॉ. मार्टिन बड़ी संख्या में एफएच मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वे कहते हैं,‘मल्टी ट्रीटमेंट व दवाओं के कॉम्बिनेशन से नतीजे बेहतर मिल रहे हैं। बस चुनौती, इसकी पहचान करना है। इलाज से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल स्तर 20-30 तक आ जाता है। दिल की अच्छी सेहत के लिए यही तो चाहिए।’
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