छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि विनम्र सागर महाराज ने सोमवार को प्रवचन हुए। उन्होंने कहा कि सत्ता, संपत्ति और सामर्थ्य को प्राप्त करके कुछ लोग अपने आप को भगवान समझने लगते हैं। इन तीन चीजों में ज्यादा समय तक विश्वास मत रखिए। सत्ता, संपत्ति और सामर्थ्य शाश्वत नहीं है। आगम जैसा है वैसा आप समझते नहीं है यह भी एक शैली है,आपकी। कुछ पर्दे आंख में पड़े हैं तो कुछ आत्मा में पड़े हैं। अपने आप को आत्मा समझें। हम आज आदमी और औरत समझने में जिंदगी निकाल देते हैं। आप पूरी दुनिया का वैभव, साड़ी, लाड़ी और गाड़ी में देखते हैं, आचार्य कहते हैं, ये आपकी दृष्टि में धन हो सकते हैं किंतु ये भ्रम मात्र है। संसारियों की देखने की दृष्टि नहीं होती तो ये दुकानें बंद हो गई होती।
उन्होंने कहा कि राग, द्वेष भी आपके जीवन की संपत्ति हो गए, द्वेष को पल्लवित करने में लगे रहते हैं, आप। आपने उस कषाय को अपना धन समझ लिया। मिथ्यात्व से भी जीवन जीते हैं, राग में भी आनंद लेते हैं, द्वेष में भी आनंद लेने की कला आपने सीख ली है। कुछ लोग हंस हंस के भी किसी की जिंदगी को तबाह कर देते हैं, उसे जोकर बनाकर। आपकी पूरी जिंदगी भय के कारण गतिमान है, जीवन को भयभीत मत करो। चार प्रकार की कषाएं क्रोध मान, माया, लोभ भी आपके लिए धन है। संसार को छोड़ना है, तो इन सभी को छोड़ना होगा। आपके जीवन के थोड़े पैमाने बदलिए, ये बदलने से जीवन में नई चेतना आएगी। तभी आपका और संस्कृति का उद्धार होगा।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि सुबह गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद गुरुदेव की आठ द्रव्यों से पूजन करने का सौभाग्य उदय नगर जैन समाज को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मनीष नायक,सतीश डबडेरा, सतीश जैन, आनंद जैन, कमल अग्रवाल, अमित जैन, शिरीष अजमेरा,आलोक बंडा, प्रदीप स्टील, रितेश जैन आदि विशेष रूप से मौजूद थे। मुनि निस्वार्थ सागर महाराज ने कहां की जब आपसे पूछा जाता है कि कहां जा रहे हो ? तो आप कहते हो कि दुकान जा रहे हैं, घर जा रहे हैं, ऐसा मत कहिए यह कहिए कि हम मोक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं। यदि कुछ हो जाता है तो आपकी जैसी भावना रहेगी वैसा ही कर्म बंध होगा। सतीश जैन ने बताया कि रोजाना सुबह 8.30 बजे से आचार्य श्री जी की पूजन के बाद 9 बजे से मुनि श्री जी के प्रवचन, दलाल बाग में हो रहे है। सुबह 10 आहार चर्या होती है। धर्म सभा का संचालन भरतेश बड़कुल ने किया।
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