पी.एम. विश्वकर्मा योजना सितम्बर 2023 से प्रारंभ है। विगत वर्ष में 19 व्यवसायों के निर्माता-बढ़ई, नाव, कवच, लोहार, हथौड़ा, टूल किट, ताला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, जूता कारीगर, राज मिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाडू, गुड़िया, खिलौना, नाई, माली, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने में लगे कारीगरों व शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई गई है। 15 हजार रुपये का ई-वाउचर डिजिटल लेन-देन के लिये प्रोत्साहित कर उन्हें मार्केटिंग के लिये सपोर्ट भी किया गया है।
प्रि-बेसिक ट्रेनिंग के लिये 23 हजार 72 कारीगर नामांकित हुए थे। बेसिक ट्रेनिंग में 12 हजार 318 उम्मीदवारों का नामांकन हुआ था। जिसमें से 12 हजार 06 उम्मीदवारों ने ट्रेनिंग पूर्ण की थी। सात शासकीय आईटीआई में प्रशिक्षण दिया गया। शासकीय आईटीआई इंदौर सहित संभाग के आलीराजपुर, निवाड़ी, बड़वानी, सिंघाना, झाबुआ तथा खंड़वा में प्रशिक्षण का संचालनपूर्ण किया गया।
प्रशिक्षण प्रदान करने में इंदौर जिले प्रथम स्थान पर रहा है। शासकीय आईटीआई इंदौर में लोहार व्यवसाय के 21 कारीगर, दर्जी व्यवसाय के 70 कारीगर तथा कारपेंटर(बढ़ई) व्यवसाय के 27 कारीगरों को प्रशिक्षण दिया गया है।
0 टिप्पणियाँ