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9 ग्रहों का शरीर के हर अंग पर होता है असर, कौन से ग्रह का किस बीमारी से संबंध, ज्योतिषी से डिटेल में जानें

व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाएं और ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव के लिए उसकी कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्र जिम्मेदार होते हैं. हर ग्रर का अपना अलग महत्व और अलग प्रभाव देखने को मिलता है. ये ग्रह मानव जाति के अलग-अलग अंगों पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं.

 हमारे सौरमंडल में 9 प्रमुख ग्रह होते हैं, जो न केवल ब्रह्मांडीय गतिविधियों को संचालित करते हैं, बल्कि इनका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी पड़ता है. ये ग्रह न सिर्फ इंसानों, बल्कि पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रजातियों, पेड़-पौधों और खनिजों पर भी असर डालते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह का एक निश्चित प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर होता है. अगर हम जान लें कि कौन सा ग्रह हमारे शरीर के किस हिस्से को प्रभावित करता है, तो हम उन ग्रहों के प्रभाव को समझकर अपने जीवन को सुधार सकते हैं. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि कैसे हर ग्रह का प्रभाव हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ता है और हम इसे कैसे पहचान सकते हैं.

1. सूर्य का प्रभाव
सूर्य को मानव शरीर के मस्तिष्क का नियंत्रक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मस्तिष्क पर सूर्य का प्रमुख आधिपत्य होता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मेष राशि में उच्च अवस्था में होता है, तो यह शुभ फल प्रदान करता है. वहीं, अगर सूर्य तुला राशि में नीच स्थिति में होता है, तो यह अशुभ फल दे सकता है. सूर्य के प्रभाव से मस्तिष्क की कार्यक्षमता, सोचने की शक्ति, और मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है.

2. चंद्रमा का प्रभाव
चंद्रमा का प्रभाव मानव शरीर के मन, जल और इच्छाशक्ति पर पड़ता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा वृषभ राशि में उच्च स्थिति में होता है, तो यह शुभ फल देता है. वहीं, यदि चंद्रमा वृश्चिक राशि में नीच स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता और अन्य अशुभ प्रभाव दे सकता है.

3. मंगल का प्रभाव
मंगल ग्रह का प्रभाव शरीर के आंखों और ब्लड पर पड़ता है. यदि मंगल कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है. लेकिन, यदि यह शुभ नहीं होता, तो यह आंखों, ब्लड और गले से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है.

4. बुध का प्रभाव
बुध ग्रह का प्रभाव शरीर के पाचन तंत्र, वायु तंत्र, दांत और आवाज पर पड़ता है. यदि बुध कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को स्पष्ट और प्रभावी बोलने की क्षमता प्रदान करता है. वहीं, अगर यह ग्रह नीच स्थिति में होता है, तो यह पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है.

5. गुरु का प्रभाव
गुरु ग्रह का प्रभाव शरीर के नाक और वायु तंत्र पर पड़ता है. इसके प्रभाव से पित्त और चर्बी से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. गुरु का प्रभाव कर्क राशि में उच्च स्थिति में शुभ फल देता है, जबकि मकर राशि में नीच स्थिति में यह अशुभ हो सकता है.

6. शुक्र का प्रभाव
शुक्र ग्रह का प्रभाव शरीर के गुप्तांगों और त्वचा पर पड़ता है. यदि शुक्र शुभ स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को आकर्षक और आकर्षक बनाता है. लेकिन, यदि यह नीच स्थिति में होता है, तो यह अशुभ परिणाम दे सकता है.

7. शनि का प्रभाव
शनि ग्रह का प्रभाव हड्डियों, नाभि, घुटनों और स्नायु तंत्र पर पड़ता है. शनि का शुभ और उच्च स्थिति में होना शारीरिक रूप से अच्छा होता है, लेकिन जब यह नीच अवस्था में होता है, तो यह शारीरिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे हड्डियों और जोड़ों में दर्द.

8. राहु का प्रभाव
राहु ग्रह का प्रभाव सिर के छोटे हिस्से, आतंरिक अंगों और मुख पर पड़ता है. राहु जब मिथुन राशि में उच्च स्थिति में होता है, तो यह शुभ फल देता है, लेकिन अगर यह धनु राशि में नीच स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समस्याओं में डाल सकता है.

9. केतु का प्रभाव
केतु ग्रह का प्रभाव गले और दिल पर पड़ता है. जब यह ग्रह खराब स्थिति में होता है, तो यह पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. लेकिन अगर केतु धनु राशि में उच्च स्थिति में होता है, तो यह शुभ फल देता है.

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