इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर में यातायात के बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए नए नए कदम उठाए जा रहे हैं. कहीं ट्रैफिक के पाठ पढ़ाए जा रहे, तो कहीं नुक्कड़ नाटक भी किए जा रहे हैं. लेकिन इन सभी के बीच इंदौर के ट्रैफिक कांस्टेबल सुमंत सिंह कछावा द्वारा भी एक अलग ही अभियान चलाया जा रहा है. जिसके कारण वह इंदौर ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी सुपर स्टार बन गए हैं.
दअरसल ट्रैफिक कांस्टेबल सुमंत सिंह कछावा द्वारा सभी तरह के सोशल मीडिया पर ट्रैफिक अवेयरनेस कंटेंट दिखाया जा रहा है. यह कंटेंट कही से कॉपी नहीं किया जाता. हर बार उनका अलग ही कंटेंट होता है. जिसमें कभी इंदौरी तो कभी मालवी भाषा की झलक होती है.
ड्यूटी के बाद कंटेंट का स्क्रिप्ट लिखते हैं सुमंत
कांस्टेबल सुमंत सिंह कछावा कहते हैं कि काम से वक्त निकालने के बाद वह खुद का कंटेंट लिखते हैं. जिसे सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. ये सिलसिला कई सालों से चल रहा है. थोड़ी बहुत वीडियो एडिटिंग भी आती है. जिससे अपनी वीडियो को खुद ही एडिट कर लेता हूं. कॉन्टेंट ट्रैफिक से जुड़ा ही होता है. इसमें इंदौर ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिक तक ट्रैफिक की जानकारी पहुंचती है. सोशल मीडिया को लोगों ने गलत बताया, उसे हमेशा नेगेटिव लिया. मैने हमेशा सोशल मीडिया का इस्लेमाल पॉजिटिव तरीके से किया. जो लोगों को जानकारी दे सकें.
कंटेंट क्रिएशन से ट्रैफिक जागरूकता
यू ट्यूब, फेस बुक और इंस्टा पर हीरो की तरह छाने वाले सुमंत सिंह कछावा कहते हैं कि आज हर व्यक्ति सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है, आए दिन अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहा है. ऐसे में मुझे भी इस तरह का कॉन्टेंट बनाने का विचार आया. यहां छोटी-छोटी वीडियो आपको बहुत बड़े पाठ पढ़ाए जा रहे. कही तीन सिग्नल का एक वीडियो बना हुआ है तो कही जेबरा क्रॉस. कहीं हेलमेट की अहमियत बताई है, तो कही जल्दबाजी में सिग्नल तोड़कर जान जोखिम में डालने की.
खुद के एक्सीडेंट से ही सीखी सबक
कांस्टेबल कछावा कहते हैं कि मुझे मेरे एक्सीडेंट ने ही सबक सिखाया. गांव से जब स्टडी के दौरान इंदौर आया तो यहां पर एक बड़ा एक्सीडेंट हो गया. जिसमें मुझे हाथ, पैर और सिर पर चोट लगी. फिर लगा कि लोगों को ट्रैफिक के नियम की जानकारी कम है, जिससे यह हादसे होते हैं. तभी तय कर लिया देश के लिए कुछ करना है और ट्रैफिक कांस्टेबल बन गया. हालांकि एक ट्रैफिक कांस्टेबल बनना भी आसान नहीं होता. पूरे टाइम धूप, बारिश और ठंड में खड़ा रहना पड़ता है लेकिन देश की सेवा कर रहा तो कोई दिक्कत नहीं. दिक्कत वहां आती है, जहां लोग ट्रैफिक नियम जानते हैं, फिर भी वह मानते नहीं. बच्चों और नौसिखिए के हाथ में गाड़ी होती है तो हादसे होते हैं.
बता दें कि ट्रैफिक कांस्टेबल सुमंत सिंह कछावा ने सोशल मीडिया पर करीब 650 ट्रैफिक से जुड़ी वीडियो शेयर की है, उनके यूट्यूब पर 15 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. करीब इतने ही फॉलोवर फेसबुक और इंस्टा पर भी हैं. जिसके बाद वह इंदौर के सुपर स्टार ट्रैफिक कांस्टेबल कहलाने लगे.
0 टिप्पणियाँ