
आज के समय में रिश्ते बनाने में कोई कठिनाई नहीं होती, लेकिन उन्हें बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. कई बार हम देख सकते हैं कि रिश्ते बहुत जल्दी टूट जाते हैं, खासकर शादीशुदा जीवन में. छोटे-मोटे मतभेदों से शुरू होकर, अनबन बढ़ते-बढ़ते तलाक की स्थिति तक पहुंच जाती है. लेकिन प्रेमानंद जी महाराज ने शादीशुदा जीवन में खुशहाली बनाए रखने के लिए कुछ खास मंत्र दिए हैं, जो न सिर्फ रिश्तों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि जीवन में सच्ची शांति भी लाते हैं. आइए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज के इन दो अनमोल मंत्रों के बारे में, जो शादीशुदा जीवन को खुशहाल बना सकते हैं.
1. एक-दूसरे पर प्रेम बनाए रखना
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि शादीशुदा जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात है एक-दूसरे के प्रति प्रेम और विश्वास बनाए रखना. रिश्ते को मजबूती देने में पैसे या भौतिक सुखों का कोई स्थान नहीं होता. प्रेम, समझ और सम्मान सबसे जरूरी हैं. यदि पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम रखते हैं, तो कोई भी मुश्किल उनसे उबरने से नहीं रोक सकती. यह प्रेम न सिर्फ शब्दों में होना चाहिए, बल्कि हर कार्य और हर भावना में झलके. जब दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे को सच्चे दिल से समझते हैं और प्यार करते हैं, तो किसी भी छोटी-मोटी बात पर असहमति को आसानी से सुलझाया जा सकता है.
2. इन्द्रियों की पवित्रता
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, शादीशुदा जीवन में खुश रहने के लिए एक और आवश्यक तत्व है – इन्द्रियों की पवित्रता. इसका मतलब है कि दोनों पति-पत्नी को अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और किसी बाहरी आकर्षण से प्रभावित नहीं होना चाहिए. अगर एक-दूसरे पर विश्वास और प्रेम है, तो फिर किसी तीसरे व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती. जब रिश्ते में विश्वास की नींव मजबूत होती है, तो बाहरी प्रभावों से बचा जा सकता है. यह पवित्रता रिश्ते को आंतरिक शांति और संतुष्टि प्रदान करती है. यदि कोई व्यक्ति इस पवित्रता को खो देता है और व्यभिचार में पड़ जाता है, तो न सिर्फ वह अपने रिश्ते को खोता है, बल्कि मानसिक शांति भी खो बैठता है.
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