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बैठक में जानकारी दी गई कि इंदौर संभाग में विभिन्न प्रकार की कुल पंजीकृत संस्थाएं 11 हजार 338 है, जिसमें कार्यशील संस्थाओं की संख्या 5 हजार 348 है तथा अकार्यशील संस्थाओं की संख्या 3 हजार 37 एवं परिसमापनाधीन सहकारी संस्थाओं की संख्या 2 हजार 953 है। इस संबंध में अकार्यशील एवं परिसमापन वाली लगभग 6 हजार संस्थाओं को सहकारी अधिनियम एवं पंजीकृत तथा विभागीय निर्देशों के अनुसार पंजीयन निरस्ती हेतु पाक्षिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए उप/सहायक आयुक्त, सहकारिता को कार्यपूर्ति के निर्देश दिए गये। साथ ही परिसमापनाधीन संस्थाओं के संबंध में मॉनिटरिंग सिस्टम बनाते हुए निगरानी प्रक्रियांतर्गत प्रत्येक परिसमापकों को लक्ष्य देकर इसकी कार्यपूर्ति के निर्देश दिये गये।
बैठक में संभागायुक्त श्री सिंह ने निर्देश देते हुए कहा कि जो अधिकारी अपने कार्य में लापरवाही और उदासीनता बरतेंगे उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। इंदौर जिले के एक अधिकारी द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने पर संभागायुक्त श्री सिंह ने शोकाज नोटिस जारी करने के साथ तीन माह की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिये। बैठक में संभागायुक्त श्री सिंह ने सहकारिता विभाग के सभी अधिकारियों को कहा कि वे मण्डी बोर्ड के माध्यम से उर्वरक वितरण, किसानों को ऋण वितरण, गेहूँ वितरण आदि कार्यों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पूर्ण करायें।
बैठक में संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि हर जिले में विभाग का एक ऐसा आदर्श मॉडल बनायें, जिसमें सभी तरह की सुविधाएं हो। वर्तमान में इस तरह का कार्य खरगोन में दो स्थानों पर किया गया है। नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य हेतु प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र एक अच्छी व्यवस्था है और इसका संचालन सभी जिलों के शासकीय अस्पतालों के समीप किया जाए, ताकि इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले। संभागायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि शासन के एजेण्डानुसार गठित की गई दुग्ध, मछली, वनोपज, आजीविका बहुप्रयोजन, सामूहिक कृषि इत्यादि संस्थाओं के संबंध में सबंधित विभागों से समन्वय करते हुए निराकरण किया जाये। दुग्ध संस्थाओं के संबंध में शासन के निर्देशानुसार परिसमापनाधीन/अकार्यशील संस्थाओं को पुनर्जीवित करने या मर्ज करने संबंधी कार्यवाही की जाये। वर्गवार संस्थाओं को चिन्हित कर विभागीय अमले को इस कार्य में संलग्न किया जाये। संभाग में पंजीकृत गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के संबंध में अकार्यशील एवं परिसमापन वाली संस्थाओं बाबत जिन संस्थाओं में जमीन नहीं है, उन्हें नियमानुसार सम्पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए पंजीयन निरस्ती की कार्यवाही की जाये। यदि योग्य हो तो जिन संस्थाओं का कार्य समाप्त हो चुका है, उन्हें रहवासी, मेंटेनेंस, सुरक्षा, गार्डनिंग संस्थाओं में पंजीकृत कराने संबंधी विचारण में लिया जाये। सहकारिता विभाग द्वारा स्थापित कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से किसानों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी सुगमतापूर्वक मिल जाये।
बैठक में संयुक्त आयुक्त सहकारिता श्री बी.एल. मकवाना, इन्दौर के उपायुक्त श्री एम.एल. गजभिये, उपायुक्त श्री के.आर. अवासे, उप पंजीयक न्यायिक डॉ. मनोज जायसवाल सहित अन्य अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित थे।
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